गुरुग्राम: तेज बारिश ने एक बार फिर साइबर सिटी गुरूग्राम की हालत खराब कर दी है. रविवार को हुई बारिश से एक ओर जहां मौसम खुशनुमा हो गया. वहीं दूसरी ओर जलभराव की स्थिति बन गई. जगह-जगह सड़कें पानी से लबालब हो गईं. प्रशासन हर साल दावे करता है कि जलभराव की समस्या इस बार नहीं होगी. बावजूद इसके जगह-जगह शहर के लोगों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है.
शहर में पानी निकासी की जिम्मेवारी गुरूग्राम नगर निगम (Gurugram Muncipal Corporation) और जीएमडीए की है लेकिन धरातल पर जो काम होना चाहिए वह अभी तक नहीं हुआ है. पिछले कई सालों से दावे और वादों के बीच हर बार गुरुग्राम वासियों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है. गुरूग्राम में बारिश के बाद पानी निकासी के लिए बादशाहपुर नजफगढ़ ड्रेन (Badshahpur Najafgarh Drain) एकमात्र जरिया है लेकिन बादशाहपुर ड्रेन में अभी भी काफी सफाई की जरूरत है. कई जगह पर मिटटी भरी हुई है. यही कारण है कि मानसून के दौरान बारिश के बाद पानी निकासी में काफी दिक्कत आने वाली है. ऐसे में प्रशासन आने वाले दिनों में भी गुरुग्राम को डूबने से कैसे बचाएगा ये सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
गुरुग्राम के हीरो होंडा चौक, सिग्नेचर टावर, इफको चौक, सुभाष चौक, गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड, सेक्टर 15, सेक्टर-10, पालम विहार, उद्योग विहार, सेक्टर 37 कुछ ऐसे चुनिंदा पॉइंट्स है जहां जलभराव की समस्या हर साल देखने को मिलती है. इसके अलावा गुरुग्राम के तमाम अंडरपास में भी जलभराव की समस्या देखने को मिलती है और यही कारण है कि नगर निगम और जीएमडी की तरफ से दावा किया जा रहा है कि वहां एक्स्ट्रा पंप लगाए गए हैं. जिससे जलभराव यदि होता है तो तुरंत पानी को बाहर निकाल दिया जाएगा.
गुरुग्राम में जिस तरह से हर बारिश में जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है उसको मद्देनजर रखते हुए नगर निगम की तरफ से 80 ऐसे प्वाइंट सुनिश्चित किए गए हैं. इन सभी प्वाइंट पर फिलहाल नगर निगम और जीएमडीए की तरफ से काम किया जा रहा है. नगर निगम कमिश्नर की मानें तो इस बार अंडरपास के अंदर एक्स्ट्रा पंप भी लगाए गए हैं. मानसून आने से पहले ही इन तमाम कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा.