गुरुग्राम: चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला औपचारिक तौर पर तिहाड़ जेल से रिहा (Op Chautala Released) हो चुके हैं. ओपी चौटाला जेल से रिहा होने के बाद सीधा गुरुग्राम पहुंचे. दिल्ली की तिहाड़ जेल से ओपी चौटाला अपने पोते करण चौटाला के साथ कार में गुरुग्राम पहुंचे. यहां पहुंचने पर इंडियन नेशनल लोकदल के कार्यकर्ताओं ने ओपी चौटाला का ढोल-नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया. ओपी चौटाला के स्वागत को लेकर कार्यकर्ताओं में अलग ही उत्साह देखने को मिला. बार-बार हरियाणा का शेर आया के नारे लगाए गए. ओपी चौटाला के रिहा होने की खुशी में कार्यकर्ता फूले नहीं समा रहे थे.
ओम प्रकाश चौटाला (Op Chautala news) के रिहा होने के बाद अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रही इनेलो में एक बार फिर से नई ऊर्जा का संचार हुआ है. राजनीतिक जानकारों का माना है कि उनके राजनीति में सक्रिय होने के बाद प्रदेश की सियासत में बड़ा उलटफेर हो सकता है. ओपी चौटाला का दमदार स्वागत इस बात को पुख्ता करता नजर आ रहा है. ओपी चौटाला के स्वागत के बहाने एक तरह से इनेलो ने अपना शक्ति प्रदर्शन किया है. इनेलो ने हजारों की तदाद में समर्थकों और कार्यकर्ताओं के बूते बदलाव का एक संदेश देने की कोशिश की है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं हैं कि ओपी चौटाला के खुलकर राजनीतिक मैदान में उतरने से हरियाणा की राजनीति उफान लेगी. जेल में रहते हुए भी ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से संवाद बनाए रखा. जिससे कि आज भी पुराने कार्यकर्ता उनसे जुड़े हुए हैं. वैसे भी उनके छोटे बेटे अभय चौटाला साफ कर चुके हैं कि अगर चुनाव आयोग उन्हें मंजूरी देता है तो ऐलनाबाद का उपचुनाव लड़ेंगे. इसका मतलब साफ है कि इनेलो एक बार फिर से हरियाणा में पैर जमाकर सरकार बनाने की और काम करेगी.
चर्चाएं हैं कि ओपी चौटाला के पूर्ण रूप से बाहर आने पर हरियाणा की राजनीति (Haryana political equations) में गर्मी जरा बढ़ जाएगी. क्योंकि साल 1970 में जनता दल के सदस्य के रूप में पहली बार विधानसभा पहुंचे ओपी चौटाला का कनेक्शन कार्यकर्ताओं के साथ है वो उनके बेटों का नहीं है. क्योंकि अब इनेलो दो फाड़ हो चुकी है और अजय चौटाला अपना रास्ता अलग कर चुके हैं तो अभय चौटाला के लिए ओपी चौटाला की रिहाई एक संजीवनी साबित हो सकता है.
जेजेपी-इनेलो के बीच बढ़ेगा टकराव?
हरियाणा की राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले ओपी चौटाला की सजा पूरी होने के बाद उनके बड़े बेटे अजय चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला के बीच सियासी टकराव का नया रूप देखने को मिल सकता है. अब देवीलाल की विरासत को लेकर इंडियन नेशनल लोकदल और जननायक जनता पार्टी के बीच तल्खी भी बढ़ती नजर आ रही है. इसकी बानगी सिरसा में देखने को मिली. ताऊ देवीलाल की मूर्ति के शुद्धिकरण वाले वाक्ये ने एक नया सवाल खड़ा कर दिया. पहले ओम प्रकाश चौटाला और उनके भाई रणजीत चौटाला में खींचतान और अब अभय चौटाला और अजय चौटाला के बीच दूरी. फिर उनके बेटों तक ये खाई बढ़ती जा रही है.