गुरुग्राम:सोहना नगर परिषद में आवारा कुत्तों और बंदरो के आतंक से नगरवासी परेशान हैं. ये आवारा जानवर आम लोगों के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं. लेकिन प्रशासन इसकी कोई सुध नहीं ले रहा है. प्रशासन कई बार इन आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए बजट को दर्शाता जरुर है, लेकिन ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित है.
ताजा मामला सोहना के फ्रेंड्स कॉलोनी की है जहां झुग्गी-झोपड़ी में रहकर मजदूरी का काम करने वाले एक दंपती की एक माह की बच्ची को एक आवारा कुत्ता उठा कर ले गया. जैसे ही परिजनों को बच्ची की चीख सुनाई दी वैसे ही परिजन बच्चे की तरफ दौड़े. परिजनों ने देखा की एक आवारा कुत्ता बच्ची को मुंह में दबाकर ले जा रहा है. जिसके बाद परिजनों ने किसी तरह बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया और बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया.
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घटना के बारे में परिजनों ने बताया कि बच्ची की मां खाना बना रही थी और पिता खाना खा रहा था. तभी पहले से घात लगाए एक आवारा कुत्ता सोती हुई बच्ची को मुंह में दबा उठा कर ले जाने लगा. परिजनों का कहना है कि उन्होंने जैसे ही बच्ची की रोने की आवाज सुनी, बच्ची की तरफ दौड़े और किसी तरह से बच्ची को कुत्ते के चंगुल से छुड़ाया. जिसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया.
समाजसेवीयों ने परिषद को कई बार आवारा कुत्तों और बंदरों को पकड़ने के लिए लिखित शिकायत भी दी है. लेकिन परिषद ने उन शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया. जिसका फल आज सोहना के आमलोग भुगत रहे हैं. इस मुद्दे पर एसडीएम चिनार चहल ने कहा कि नगर परिषद सोहना को आवारा कुत्तों और बंदरों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए जाएंगे.