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गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए कैसे बन सकता है जानलेवा? देखिए ये रिपोर्ट - ध्वनि प्रदूषण गुरुग्राम जानलेवा

ध्वनि प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण जागरूकता का अभाव है, लोगों को ये समझना होगा कि ये भी एक तरह का प्रदूषण है जिससे बचाव के लिए उनको पर्याप्त कदम उठाने होंगे. वरना आने वाले वक्त में ये प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण ही जानलेवा बन सकता है.

noise pollution is causing serious diseases in people of Gurugram
गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए साबित हो सकता है जानलेवा

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Published : Feb 26, 2021, 2:09 PM IST

Updated : Feb 26, 2021, 2:30 PM IST

गुरुग्राम: जल और वायु प्रदूषण की वजह से जहां आजकल सरकार, संस्थाएं और आमजन गंभीर दिख रहे हैं. वहीं ध्वनि प्रदूषण भी इंसान के स्वास्थ्य के लिए काफी घातकन साबित हो रहा है. ध्वनि प्रदूषण की वजह से लोगों की ना सिर्फ सुनने की क्षमता पर बुरा असर हो रहा है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी सीधा असर हो रहा है.

वहीं अगर बात रात के समय होने वाले शोर गुल की करें, तो ये खतरा लगभग दो गुना बढ़ जाता है, क्योंकि रात के वक्त जब तमाम गतिविधियां बंद होती है तो ध्वनि ज्यादा दूर तक और तेजी से सुनाई देती है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि ध्वनि का स्तर ज्यादा हो तो कान के पर्दे फट सकते हैं, यहां तक कि ये जानलेवा भी साबित हो सकता है.

गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए कैसे बन सकता है जानलेवा? देखिए ये रिपोर्ट

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इन दिनों सड़कों पर वाहनों की संख्या बेहद ज्यादा हो गई है और ध्वनि प्रदूषण काफी बढ़ गया है और वाहनों में लगे हाई प्रेशर हॉर्न लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं. और तो और आज कल के युवाओं में लेट नाइट पार्टी करने का ट्रैंड भी बढ़ता जा रहा है जहां किसी पब या शादी जैसे समारोह में रात के समय डीजे बेहद तेज आवाज में बजाया जाता है, जिससे कि ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है और ऐसे में लोगों को कई गंभीर बीमारियों से झूझना पड़ सकता है.

ध्वनि प्रदूषण से लोगों को क्या-क्या नुकसान हो सकतें हैं इस बारे में जब डॉक्टर्स से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ध्वनि प्रदूषण को नजर अंदाज करने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती है.

ये हो सकती है बीमारियां

गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए साबित हो सकता है जानलेवा

डॉक्टर की माने तो मोबाइल फोन की वजह से आजकल लोग एयरफोन का इस्तेमाल करते हैं. ज्यादातर युवा हर वक्त एयरफोन में गाने सुनते हैं जिस वजह से उनके सुनने की क्षमता कम होती है और आजकल युवाओं में ध्वनि प्रदूषण के कारण होने वाली समस्याएं बेहद बढ़ चुकी हैं.

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वहीं डॉ. राहुल गर्ग ने बताया कुछ समय पहले तक ध्वनि प्रदूषण से प्रभावित हुए मरीजों की संख्या बेहद कम थी लेकिन आज कल मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

ध्वनि का स्तर कितना होना चाहिए

गुरुग्राम में बढ़ता ध्वनि प्रदूषण लोगों के लिए साबित हो सकता है जानलेवा

नियम के मुताबिक रात के दस बजे से सुबह के छह बजे तक खुली जगह में किसी तरह का ध्वनि प्रदूषण डीजे, लाउडस्पीकर, बैंड बाजा, स्कूटर कार बस का हॉर्न, धर्म के नाम पर वाद्ययंत्र का इस्तेमाल या संगीत बजाने फैलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है.

वहीं गुरुग्राम में बीते साल तेज आवाज वाले होरन या फिर बेवजह होरन बजाने वाले 326 लोगों का भारी-भरकम चालान किया है. वहीं बिना साइलेंसर वाली बाइक चलाने वाले 291 चालकों का भी चालान कर कार्रवाई की गई है.

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ध्वनि प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण जागरूकता का अभाव है, लोगों को ये समझना होगा कि ये भी एक तरह का प्रदूषण है जिससे बचाव के लिए उनको पर्याप्त कदम उठाने होंगे. वरना आने वाले वक्त में ये प्रदूषण ध्वनि प्रदूषण ही जानलेवा बन सकता है. वहीं सरकार को भी ध्वनि प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने होंगे.

Last Updated : Feb 26, 2021, 2:30 PM IST

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