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बादशाहपुर विधानसभा में पड़े सबसे कम वोट, 45% के पार भी नहीं पहुंच सका मतदान का आंकड़ा

सुबह बादशाहपुर विधानसभा के बूथ पर ईवीएम में गड़बड़ी देखने को मिली थी. जिसके बाद ईवीएम को रिप्लेस किया गया. वहीं शुरू से ही बादशाहपुर में मतदान प्रक्रिया सुस्ती से आगे बढ़ रही थी. माना जा रहा है डीएलएफ के एरिया से कम लोगों ने वोट डाला. जिस वजह से बादशाहपुर में सिर्फ 43 फीसदी वोट ही दर्ज किए गए.

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Published : Oct 21, 2019, 10:05 PM IST

बादशाहपुर विधानसभा में पड़े सबसे कम वोट, 45% के पार भी नहीं पहुंच सका वोट का आंकड़ा

गुरुग्राम: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 के लिए मतदान हो चुका है. इस बार सिर्फ 65 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि पिछले चुनाव में 2014 में हरियाणा में 76.13 प्रतिशत मतदान हुआ था. अगर बात जिलेवार आंकड़ों की करें तो सबसे ज्यादा यमुनानगर में 69.35 प्रतिशत लोगों ने वोट डाले, वहीं सबसे कम गुरुग्राम के बादशाहपुर विधानसभा में 43 फीसदी वोट पड़े.

बादशाहपुर में सबसे कम वोटिंग
सुबह बादशाहपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ पर ईवीएम में गड़बड़ी देखने को मिली थी. जिसके बाद ईवीएम को रिप्लेस किया गया. वहीं शुरू से ही बादशाहपुर में मतदान प्रक्रिया सुस्ती से आगे बढ़ रही थी. माना जा रहा है डीएलएफ के एरिया से कम लोगों ने वोट डाला. जिस वजह से बादशाह पुर में सिर्फ 43 फीसदी वोट ही दर्ज किए गए.

गुरुग्राम जिले का मतदान प्रतिशत
वहीं अगर बात गुरुग्राम जिले की करें तो गुरुग्राम में कुल 51.20 प्रतिशत मतदान हुआ है. वहीं बादशाहपुर विधानसभा में सबसे कम 43 फीसदी, पटौदी विधानसभा में 50 फीसदी और सोहना विधानसभा में जिले के सबसे ज्यादा 57 प्रतिशत वोट दर्ज किए गए हैं.

बादशाहपुर में 43 फीसदी वोटिंग

ये भी पढ़िए: हरियाणा में हुआ 65 प्रतिशत मतदान, जानें क्या कह रहे हैं सियासी समीकरण

क्या कहता है सियासी गणित?

प्रदेश में बीजेपी ने 2009 विधानसभा से लगातार अपने वोट शेयर में बड़ा इजाफा किया है. 2009 में बीजेपी के पास महज 9 फीसदी वोट थे और सिर्फ 4 सीटें मिली थी, लेकिन 2014 में 47 सीटें मिली और वोट शेयर 34.7 फीसदी हो गया जो कि 2014 लोकसभा चुनावों के वोट शेयर के आस-पास ही था. वहीं कांग्रेस ने 2009 विधानसभा चुनाव में 40 सीटें जीती थी और वोट शेयर लगभग 36 फीसदी था. लेकिन 2014 में सिर्फ 15 सीटें मिली और वोट शेयर 21 फीसदी पर आ गिरा जो कि लोकसभा चुनावों के वोट शेयर के आस-पास ही था.लेकिन इस बार 2019 लोकसभा चुनावों में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस के वोट शेयर में भी इज़ाफ़ा हुआ है जिसका एक फैक्टर इनेलो के वोटों का बंट जाना भी हो सकता है. बीजेपी ने 58 फीसदी वोट हासिल किए हैं और कांग्रेस ने 28 फीसदी. ऐसे में लगभग 30 फीसदी वोटों के अंतर को पाटना कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल होगा.

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