गुरुग्राम: उपायुक्त अमित खत्री ने लॉकडाउन के चौथे चरण में दुकानों को खोलने के लिए नीति बनाई है. जिले में सभी दुकानें इसी नीति के हिसाब से खोली जाएंगी. अगर कोई इस नीति का पालन नहीं करता है तो प्रशासन की ओर से उन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 में दिए गए प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. दुकानों को खोलने के लिए श्रेणियां निर्धारित की गई हैं. ये दुकानें तीन ए, बी और सी श्रेणी के हिसाब से खुलेंगी. साथ ही इन दुकानों के लिए समय भी निर्धारित किया गया है.
'ए' श्रेणी की दुकानें
आटा चक्की, राशन, दूध/डेयरी, फल-सब्जी, मेडिकल, ग्रोसरी स्टोर, किराना, मीट तथा पोल्ट्री को रखा गया है. ये सभी दुकानें हर रोज सुबह 7.30 से शाम 6.30 बजे तक खोली जा सकती है. इसी प्रकार, कोरियर तथा पोस्टल सर्विस, कृषि उपकरण, पोल्ट्री अथवा पशु चारा, खाद-बीज, वेटनरी सर्विस आदि को भी ‘ए‘ श्रेणी में रखा गया है.
'बी' श्रेणी की दुकानें
इसी प्रकार, 'बी' श्रेणी की दुकानों और सेवाओं में प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, पंखा, कूलर, एसी रिपेयर आदि सेवाएं, साइकिल स्टोर और रिपेयर, इन्वर्टर बैटरी आदि. कम्प्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल, घड़ी आदि की दुकानें और उनके रिपेयर सेंटर, फोटो स्टेट, मोबाइल रिचार्ज, वाटर प्यूरिफायर, फ्रिज, एलईडी, माइक्रोवेव ओवन, स्टोव और गैस स्टोव आदि तथा इनकी रिपेयर की दुकानें खुलेंगी. कंस्ट्रक्शन मटेरियल, हार्डवेयर और पेंट, फर्नीचर, प्लाइवुड, टिंबर, ग्लास आदि की दुकानें सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुलेंगी.
'सी' श्रेणी की दुकानें
गिफ्ट की दुकान, बैग और सूटकेस शॉप, ऑप्टीकल शॉप, कपड़ों की दुकानें, बर्तनों और क्रॉकरी की दुकानें, ड्राई क्लीनर शॉप, ज्वेलरी शॉप, फर्नीचर की दुकानें. ये सभी दुकानें मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को खुलेंगी. सभी दुकानें सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुलेंगी. इन तीन श्रेणियों में यदि कोई दुकान कवर नहीं हुई, तो संबंधित एसडीएम की सहमति से उसे ‘सी‘ श्रेणी में रखा जा सकता है.
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साथ ही नगर निगम, नगर परिषद तथा नगर पालिकाओं को आदेश दिए गए हैं, कि वे दुकानदारों तथा वहां पर आने वाले ग्राहकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना को निश्चित करेंगे. सभी दुकानदार अथवा ट्रेडर एसोसिएशन अथवा मार्केट एसोसिएशन नगर निगम या नगरपालिका अथवा पुलिस के साथ तालमेल स्थापित करके दुकानों के सामने श्रेणी के अनुसार चिन्हित करेंगे, ताकि दुकानों की पहचान की जा सके.