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हमारे परिवार और हरियाणा के लोगों का गद्दार है दुष्यंत चौटाला: अभय चौटाला

अभय चौटाला ने कहा कि चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने पहले ही इनको गद्दार कहा था, लेकिन उस समय ऐसा एहसास नहीं हुआ था कि चौटाला साहब ने गद्दार क्यों कहा, लेकिन अब उनका असली चेहरा सामने आ रहा है

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इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला

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Published : Jan 5, 2021, 10:30 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 8:00 AM IST

गुरुग्राम:तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर गुरुग्राम के लघु सचिवालय में बैठे किसानों के धरने पर इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला पहुंचे जहां उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री को अब अपनी जिद्द छोड़कर किेसानों पर थोपे गए तीनों कानूनों को वापस ले लेना चाहिए. इसके साथ उन्होंने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर भी विवादित टिप्पणी की.

अभय चौटाला ने कहा कि पिछले 41 दिन से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार आंदोलन को कमजोर करने की साजिश रच रही है, लेकिन बॉर्डर पर लगातार किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में सरकार को किसान संगठनों के साथ बातचीत करके नए सिरे से कैसे किसान को लाभ पहुंचे. उसके लिए नए कानून बनाने चाहिए.

इनेलो नेता ने दुष्यंत चौटाला के बारे में क्या कहा, देखिए वीडियो

एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनना चाहिए- अभय

अभय चौटाला ने कहा कि हर हालात में देश में एमएसपी की गारंटी वाला कानून बनना चाहिए ताकि किसान डर के माहौल में न जी सके. वहीं अब सरकार को लोग इस बात का भी एहसास करा रहे हैं कि सरकार का यह फैसला गलत है तो सरकार को किया हुआ अपना गलत फैसला वापस ले लेना चाहिए. वहीं बहुत सारे ऐसे फैसले देखें जो सरकार ने गलत किए और वापस ले लिए गए इसलिए इसको भी वापस लेने में सरकार कमजोर नहीं होगी.

पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर भी दी प्रतिक्रिया

वहीं तीन कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस की तरफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने पर भी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जब विधानसभा में सेशन चल रहा था तब कांग्रेस ने अपनी जिम्मेदारी क्यों नहीं निभाई. अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र सिंह हुड्डा डिमांड करते हैं कि विधानसभा में सेशन बुलाया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस कहती है कि राज्यपाल मिलने का समय नहीं देते हैं. उन्होंने कांग्रेस को सलाह दी है कि अखबारों की सुर्खिया ना बनकर राज्यपाल के सेकेट्री को चिट्ठी देकर बताएं कि कांग्रेस क्या कहना चाहती है.

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'कृषि कानूनों का ड्राफ्ट बनाने वाली कांग्रेस है'

वहीं उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के ड्राफ्ट को बनाने वाली और तैयार करने वाली ही कांग्रेस है. अब भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर देश के किसानों को बर्बाद करना चाहती है. वहीं साजिश रचने वाली कांग्रेस और लागू करने वाली भाजपा है. इसलिए 8 जनवरी को रोहतक में अभय सिंह चौटाला किसानों के साथ ट्रैक्टर रैली करेंगे और इसके साथ सभी गांव में जाकर लोगों से मिलकर इस बिल के बारे में लोगों को जागरूक करेंगे.

कांग्रेस ने क्यों नहीं संसद के सामने दिया धरना

वहीं कांग्रेस पार्टी पर भी अभय सिंह चौटाला ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के 100 से ज्यादा राज्यसभा और लोकसभा में सांसद हैं. यदि कांग्रेस किसानों के साथ है तो सभी सांसद धरने पर क्यों नहीं बैठे. कांग्रेस ने लोकसभा में राज्यसभा में इस बिल का विरोध करने की बजाय वॉकआउट क्यों किया था. वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर भी निशाना साधते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा 31 विधायकों के साथ सामूहिक रूप से धरने पर गए हैं. वह सचिवालय के सामने 31 कांग्रेसी विधायकों के साथ धरने पर क्यों नही बैठे.

दुष्यंत चौटाला कलंक हैं- अभय चौटाला

वहीं इस किसान धरने पर आए इनेलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि चौधरी देवीलाल की नीतियों पर चलने की बात करने वाले दुष्यंत चौटाला कलंक हैं. हमारे परिवार के गद्दार और हरियाणा प्रदेश के दुष्यंत चौटाला गद्दार है. चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने पहले ही इनको गद्दार कहा था, लेकिन उस समय ऐसा एहसास नहीं हुआ था कि चौटाला साहब ने गद्दार क्यों कहा, लेकिन अब उनका असली चेहरा सामने आ रहा है जो लोग आज विदेशों में घूम रहे हैं. जिस दिन लोगों के बीच में जाएंगे लोग इनका वहम निकाल देंगे.

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भाजपा क्यों नहीं कर रही एसवाईएल की बात?

वहीं अभय सिंह चौटाला ने एसवाईएल के मुद्दे पर भी कहा कि केंद्र की सरकार को एसवाईएल नहर का निर्माण करवाना सुप्रीम कोर्ट का आदेश है. ऐसे में केंद्र में भी भाजपा की सरकार है और हरियाणा में भी भाजपा की सरकार है तो फिर क्यों भाजपा के नेता अपनी ही सरकार के खिलाफ एक दिन का उपवास रख रहे हैं यह उपवास नहीं बकवास है.

किसान आंदोलन का 41वां दिन है. ऐसे में लगातार इस किसान आंदोलन को जगह-जगह समर्थन मिल रहा है और विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. ऐसे में देखना होगा कि सरकार और किसान संगठनों की 8 जनवरी को होने वाली बैठक में क्या नतीजा निकलता है.

Last Updated : Jan 6, 2021, 8:00 AM IST

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