हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

गुरुग्राम: IAS अधिकारी अनीता यादव ने RTI एक्टिविस्ट को भेजा मानहानि का नोटिस - haryana news in hindi

आईएएस अधिकारी अनीता यादव ने आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा को मानहानि का नोटिस भेजा है.

गुरुग्राम
आईएएस अधिकारी अनीता यादव

By

Published : Feb 28, 2020, 12:36 PM IST

गुरुग्राम:हरियाणा की 2004 बैच की आईएएस अधिकारी अनीता यादव ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की प्रशंसक थी. जिन्होंने सेक्टर- 56 स्थित संजीवनी हस्पताल की साइड के मामले में किसी तरह की अनियमितता का अपने स्तर पर बरतने के आरोपों को खारिज किया है.

उन्होंने इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट हरेंद्र ढींगरा को अपने वकील के माध्यम से मानहानि का नोटिस भी भेजा है. उन्होंने कहा कि इस मामले में गुरुग्राम के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के न्यायालय के आधार पर शिकायत दर्ज की गई है. हालांकि उन्हें विश्वास है कि न्यायिक प्रक्रिया के दौरान सभी तथ्य अपने आप साफ हो जाएंगे.

आईएएस अधिकारी ने आरटीआई एक्टिविस्ट को भेजा मानहानि का नोटिस, देखें वीडियो

आईएएस अधिकारी ने मामले की पैरवी कर शिकायत दर्ज करवाने वाले हरिंद्र ढींगरा को अपने अधिवक्ता के माध्यम से भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा कि उन पर जो आरोप लगाए गए हैं, वो बेबुनियाद हैं. उन्होंने कहा मेरे मुवक्किल को निर्माण के समय के एक्सटेंशन आदि के संबंध में मामले से कोई लेना-देना नहीं है.

अधिवक्ता के माध्यम से अनीता यादव ने अपने नोटिस में कहा है कि उन पर ये आरोप भी पूरी तरह से गलत है कि लेट कंस्ट्रक्शन शुल्क से बचने के लिए संबंधित भूमि पर कब्जे की पेशकश में प्रशासक कि किसी तरह की भूमिका रही और उनकी वजह से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ.

वहीं आईएएस अधिकारी अनीता यादव ने ढींगरा को नोटिस में कहा है कि इस आचरण से मुवक्किल यानी कि आईएएस अनीता यादव को अपमानित किया है. मानसिक उत्पीड़न किया है. इससे उनकी प्रतिष्ठा और पेशेवर जीवन में सम्मान के साथ-साथ सामाजिक दायरे में बहुत नुकसान हुआ है.

'15 दिन में मांगे माफी'

आरटीआई एक्टिविस्ट को इस मामले में 15 दिन में माफी मांगने को कहा है और ऐसा न करने की सूरत में मान-हानि का मामला उपयुक्त न्यायालय में ले जाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रॉपर्टी के प्रोजेक्शन देने, रिज्यूम कराना, अलॉटमेंट कराने जैसे कार्य संपदा अधिकारी के अधिकार क्षेत्र का मामला है, ना कि प्रशासक के अधिकार क्षेत्र का.

उन्होंने कहा कि मैंने रिवाइज डिमार्केशन की है जो की पूरी तरह नियमों के दायरे के अंतर्गत की है. वो भी संपदा अधिकारी, डीटीपी, एसटीपी की संस्तुति के अनुरूप की गई है. इससे अलावा उनका इस मामले में कहीं कोई हस्तक्षेप नहीं है. जो कार्य किया है. वो पूरी तरह नियमों के दायरे में रहकर किया है. वहीं उन्होंने ये भी कहा कि केवल उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की गई है.

ये भी पढ़ें-जींद में झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार, बचने के लिए निगली एमटीपी किट की चार गोलियां

ABOUT THE AUTHOR

...view details