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हरियाणा विधानसभा सत्र ने बनाए नए कीर्तिमान, तोड़े पिछले सत्र के कई रिकॉर्ड - कितने घंटे चली हरियाणा विधानसभा सत्र की कार्यवाही

ये पहला मौका था जब हरियाणा के किसी मुख्यमंत्री ने बतौर वित्त मंत्री प्रदेश का बजट पेश किया. ये पहली बार हुआ जब सत्र की कार्यवाही इतने दिनों तक चली. इस बार के विधानसभा सत्र के दौरान कई रिकॉर्ड टूटे हैं. पढ़िए विस्तार से-

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हरियाणा विधानसभा सत्र ने बनाए नए कीर्तिमान

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Published : Mar 5, 2020, 11:42 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री पहली बार पेपरलेस बजट एक टेबलेट के जरिए पेश किया. इस बार के हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के दौरान कई कीर्तिमान स्थापित हुए हैं.

विधानसभा बजट सत्र का लेखा जोखा

विधानसभा के इस बजट सत्र ने पिछले वर्ष के बजट सत्र का रिकॉर्ड तोड़ते हुए ज्यादा सीटिंग और सभी विधायकों को बोलने का मौका देने का नया कीर्तिमान भी स्थापित किया है. 2019-20 के विधानसभा बजट सत्र में 8 बैठकें की गई थी. तब 31 घंटे 49 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली थी, जबकि इस बार पिछले वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 10 बैठकें हुई और 41 घंटे 27 मिनट तक विधानसभा की कार्यवाही चली. सदन में 180 प्रश्नों में 93 तारांकित, 88 अतारांकित और 188 अनुपूरक प्रश्न विधायकों की ओर से सत्र के दौरान पूछे गए.

हरियाणा विधानसभा सत्र ने बनाए नए कीर्तिमान, रिपोर्ट देखें.

इस बार के सत्र ने तोड़े पिछले सत्र के रिकॉर्ड

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कुल 10 बैठकें हुईं. इन बैठकों में 41 घंटे 27 मिनट का समय सत्र की कार्यवाही के लिए दिया गया. बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर 4 दिन तक चर्चा हुई. इस चर्चा में 16 बीजेपी, 8 जेजेपी के विधायकों ने हिस्सा लिया. इस चर्चा में बीजेपी विधायकों ने 169 मिनट, जेजेपी विधायकों ने 63 मिनट और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 101 मिनट का समय लिया. सत्ता पक्ष के 24 विधायकों और मुख्यमंत्री ने 333 मिनट (5 घंटे 33 मिनट) का समय लिया. सत्र के दौरान कुल 5 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव भी लाए गए.

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए कितना मिला वक्त?

राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी के 11 विधायकों ने 163 मिनट, सात आजाद विधायकों ने 40 मिनट, इंडियन नेशनल लोक दल के एक विधायक ने 19 मिनट का समय इस दौरान लिया, यानि कि विपक्ष और आजाद विधायकों को कुल 3 घंटे 42 मिनट का समय दिया गया.

पिछले वर्ष के सत्र के मुकाबले 10 घंटे ज्यादा चली कार्यवाही

बजट पर सामान्य चर्चा के लिए 559 मिनट (9 घंटे 19 मिनट) का समय दिया गया. इसमें बीजेपी के 21 विधायकों ने 180 मिनट, जेजेपी के 5 विधायकों ने 69 मिनट और मुख्यमंत्री ने जवाब के लिए 72 मिनट का समय लिया, जबकि विपक्षी दल इंडियन नेशनल कांग्रेस के 12 विधायकों ने 184 मिनट और तीन आजाद विधायकों ने 32 मिनट, इंडियन नेशनल लोक दल के एक विधायक ने 22 मिनट का समय लिया. विपक्ष सहित अन्य को कुल 4 घंटे 2 मिनट का समय दिया गया, जबकि बीजेपी और जेजेपी के 26 विधायक और मुख्यमंत्री ने 5 घंटे 21 मिनट का समय लिया. सामान्य चर्चा के लिए कुल समय 559 मिनट का लिया गया, यानी 9 घंटे 19 मिनट तक का समय विधानसभा कार्यवाही के लिए गया.

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सदन की बैठकों जिनमें 20 जनवरी को 29 मिनट, 20 फरवरी को 20 मिनट, 24 फरवरी को 4 घंटे 31 मिनट, 25 फरवरी को 3 घंटे 36 मिनट, 26 फरवरी को 4 घंटे 27 मिनट, 27 फरवरी को 5 घंटे 43 मिनट, 28 फरवरी को 3 घंटे 44 मिनट, 2 मार्च को 4 घंटे 37 मिनट, 3 मार्च को 6 घंटे 23 मिनट 4 मार्च को सबसे अधिक समय 8 घंटे 4 मिनट तक सदन की कार्यवाही चली.

राज्यपाल अभिभषण पर की गई चर्चा में सत्ता पक्ष के 24 विधायकों और मुख्यमंत्री ने 333 मिनट (5 घंटे 33 मिनट) का समय लिया. निर्दलीय ओर विपक्षी विधायको ने कुल 3 घंटे 42 मिनट का समय लिया. बजट पर सामान्य चर्चा के लिए 559 मिनट (9 घंटे 19 मिनट) का समय दिया गया. विपक्ष सहित अन्य को कुल 4 घंटे 2 मिनट का समय दिया गया, जबकि बीजेपी और जेजेपी के 26 विधायक और मुख्यमंत्री ने 5 घंटे 21 मिनट का समय लिया. सामान्य चर्चा के लिए कुल समय 559 मिनट का लिया गया यानी 9 घंटे 19 मिनट तक का समय विधानसभा कार्यवाही के लिए गया.

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