गुरुग्राम:साइबर सिटी गुरुग्राम में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. हर रोज गुरुग्राम में सैकड़ों कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. उम्मीद लगाई जा रही थी कि लॉकडाउन के बाद गुरुग्राम में कोरोना के संक्रमण पर लगाम लगेगी, लेकिन हुआ इसका उल्टा, संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी. ये आंकड़ा इतना बढ़ा कि प्रदेश का हॉट स्पॉट जिला बन गया.
गुरुग्राम कोरोना संक्रमण की चपेट में सबसे बुरी तरह से आया. यहां प्रदेश के 22 जिलों के मुकाबले सबसे ज्यादा संक्रमण फैला और सबसे ज्यादा मौते भी हुईं. अभी भी गुरुग्राम इस संक्रमण से उभरता नहीं दिख रहा है, रोजाना सौ से दो सौ मरीज सामने आ रहे हैं. इसके बावजूद अब जिले में बाकी जिलों की तरह ढील दी जा रही है. जिले में तमाम काम समान्य तौर पर किए जा रहे हैं, ऐसे में मामूली गलतियां कोरोना के भयंकर प्रकोप को न्यौता दे सकता है.
अनलॉक-2 ज्यादा छूट, ज्यादा खतरा!
सरकार और प्रशासन की तरफ से अनलॉक-2 में कई तरह की रियायतें देते हुए साइबर सिटी के शॉपिंग मॉल्स खोलने की अनुमति दी गई. इसके साथ सिटी बस सेवा भी शुरू कर दी गई. हालांकि सैनिटाइजेशन और मास्क के साथ-साथ कई अहम सुरक्षात्मक नियमें भी बनाए गए हैं, लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों से लोग मॉल्स में शॉपिंग करने पहुंच रहे हैं, वहीं बसों में भी सवारियों का आना जाना शुरू हो चुका है, ऐसे में संक्रमण बढ़ने के खतरे को नकारा नहीं जा सकता है.
गुरुग्राम संक्रमण ब्लास्ट की वजह?
- लॉक डाउन से पहले विदेश से आने वाले लोगों के संपर्क में आकर उनके परिजन कोरोना से संक्रमित हुए, क्योंकि शुरुआती दौर में यानी मार्च के महीने में जो लोग विदेशों से गुरुग्राम आए थे. वो लोग अपने परिजनों से मिले. जिसके बाद बड़ी संख्या में उनके परिजन और दोस्त कोरोना से संक्रमित हो गए.
- डॉक्टर रामप्रकाश के मुताबिक तबलीगी जमात से जुड़े लोगों से गुरुग्राम में भी संक्रमण बढ़ा. तबलीगी जमात से जुड़े लोग गुरुग्राम के सोहना, पटौदी और गुरुग्राम क्षेत्र से सामने आए. जिनके संपर्क में आए लोग भी कोरोना से संक्रमित हुए.
- दिल्ली के आजादपुर मंडी में फैले कोरोना संक्रमण से गुरुग्राम की हालत खराब हो गई. यह मामले आजादपुर मंडी से कोरोना कैरियर बनकर गुरुग्राम की सब्जी कारोबारी से जुड़े लोगों तक पहुंचे और उनके संपर्क में आए लोग भी कोरोना से संक्रमित हो गए.
- औद्योगिक क्षेत्र को पटरी पर लाना भी बड़ी वजह बना. उद्योग जगत को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को खोलने की अनुमति दी. जिसके चलते दिल्ली से लोग गुरुग्राम आने लगे जो कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह बने.
- गुरुग्राम में जब कुल संक्रमितों की संख्या 262 थी तो जिला प्रशासन ने कहा कि इनमें से 100 मामलों का ताल्लुक दिल्ली से था. यही नहीं दिल्ली से सटे गुरुग्राम के इलाके जैसे सरहौल गांव और डूंडाहेड़ा में भी कोरोना के रोजाना मामले सामने आ रहे हैं. रोजाना इन इलाकों से औसतन 5 से 6 मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में गुरुग्राम में बढ़ते मामलों की वजह दिल्ली से सटे होना भी माना जा रहा है.
- शुरुआती दिनों में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को रोकने में विभाग नाकाम साबित हुआ है. 30 मई तक सैंपल उतने ही संख्या में नहीं लिए गए हैं जितने लॉकडाउन 1, 2 और तीन में लिए गए थे. पहले भी औसतन 200 से 220 मरीजों के सैंपल लिए जा रहे थे और दो जून तक भी 200 से 220 के बीच में ही सैंपल लिए जा रहे थे.
- होम आइसोलेट के दिशा-निर्देश जारी होने के बाद बड़ी समस्या यह है कि कोरोना के मरीजों की स्वास्थ्य विभाग निगरानी भी नहीं कर पा रहा है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में कर्मचारी नहीं है और उसका नतीजा ये हो रहा है कि आए दिन कोरोना के मरीज घरों में रहने की बजाय घरों से बाहर घूमते पकड़े जा रहे थे. हालांकि जिला प्रशासन ने होम आइसोलेट मरीजों के लिए एक टीम का गठन किया है. जो घर-घर जाकर अब निरीक्षण कर रही है.
सबसे ज्यादा नौकरी-पेशे वाले संक्रमित
गुड़गांव में मरीजों की संख्या प्रदेश में सबसे ज्यादा है. यहां कुल मरीजों का आंकड़ा 5569 पहुंच गया है. संक्रमित में सबसे ज्यादा 1700 मरीज प्राइवेट जॉब करने वाले हैं. इसके बाद 477 वरिष्ठ नागरिक हैं. व्यवसाय करने वाले 322 लोग हैं. 91 पुलिसकर्मी हैं, जिनमें से 3 दिल्ली पुलिस के हैं. इसके अलावा 11 सुरक्षा गार्ड, 21 सब्जी वाले, 19 बैंककर्मी संक्रमित हो चुके हैं. अभी तक संक्रमित हुए कुल मरीजों में 87 बच्चे भी हैं, जो कोरोना की चपेट में आ चुके हैं.
अब रिकवरी रेट में आया सुधार