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गुरुग्राम में GMDA के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, अधिग्रहित जमीन को करोड़ों रुपयों में बिल्डर को बेचने का आरोप - land acquisition case in Gurugram

गुरुग्राम में किसानों ने बेगमपुर खटोला गांव की अधिग्रहित जमीन को लेकर गंभीर आरोप (farmers Protest against GMDA) लगाए हैं. किसानों का आरोप है कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और GMDA ने मिलीभगत कर किसानों के साथ धोखाधड़ी की है.

farmers Protest against GMDA in Gurugram
गुरुग्राम में GMDA के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

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Published : Jun 3, 2023, 4:52 PM IST

किसानों ने GMDA पर लगाए गंभीर आरोप

गुरुग्राम: गुरुग्राम के सेक्टर 74 में किसानों ने जीएमडीए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. किसानों ने अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और जीएमडीए ने जमीन को गलत तरीके से मिलीभगत करके किसानों की जमीन को करोड़ों रुपयों में बिल्डर को बेच दी है. प्रदर्शनकारी किसानों ने इस मामले को लेकर सीएम मनोहर लाल से भी शिकायत की है.



साइबर सिटी गुरुग्राम में एक बार फिर किसानों ने जीएमडीए विभाग और बिल्डर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार मामला जमीन पर कब्जा करने का है. दरअसल, साल 2018 में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने गुरुग्राम के सेक्टर 74 के बेगमपुर खटोला गांव की जमीन को अधिग्रहण किया था. यह अधिग्रहण 84 मीटर रोड बनाने के लिए किया गया था. आरोप है कि रोड बन जाने के बाद भी बची हुई किसानों की जमीन जीएमडीए ने करोड़ों रुपयों में बिल्डर को बेच दी.

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जिससे किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि जब इस जमीन का अधिग्रहण हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने किया था तो उस वक्त इस जमीन को सड़क निर्माण के लिए लिया गया था. एचएसवीपी ने यह जमीन जीएमडीए को रोड का निर्माण करने के लिए दे दी. जिसमें 84 मीटर की रोड का निर्माण कर लिया गया है. बाकी जमीन ग्रीन बेल्ट के लिए बच गई थी. किसानों का आरोप है कि विभाग ने जमीन 84 मीटर रोड और ग्रीन बेल्ट बनाने के लिए ली थी.

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इन दोनों का निर्माण होने के बाद शेष सरप्लस जमीन किसानों को देने की बजाय करोड़ों रुपयों में बिल्डर को बेच दी है. किसानों की मांग है कि सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद सरप्लस जमीन उन्हें वापस दी जानी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग ने किसानों से कौड़ियों के भाव में जमीन खरीदकर किसानों को धोखे में रखकर करोड़ों रुपये में बिल्डर को बेच दी. किसानों की मांग है कि विभाग बची हुई जमीन उन्हें वापस करे. किसानों का कहना है कि जो रुपये विभाग को देने हैं, वे ब्याज सहित उसे विभाग को वापस करने को तैयार हैं.

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