गुरुग्राम: पांच मार्च को हरियाण सरकार का बजट सत्र शुरू होने जा रहा है और ऐसे में कोरोना महामारी की वजह से आर्थिक तंगी झेल चुकी जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मनोहर सरकार का इस साल का बजट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिस पर प्रदेश का हर वर्ग टकटकी लगाए बैठा है.
स्वास्थ्य क्षेत्र के बजट में बढ़ौतरी की उम्मीद
कोरोना काल ने ये तो महसूस करा दिया है कि स्वास्थ्य क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण है और प्रदेश के हर छोटे बढ़े शहर और ग्रामीण इलाकों में सरकारी अस्पतालों को और बेहतर बनाने में मनोहर सरकार को एक ऐसा बजट पेश करना होगा जिससे भविष्य में आने वाली चुनौतियों से प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग डट कर सामना कर सके. डॉक्टर्स का कहना है कि कोरोना काल की आपात चुनौतियों को देखते हुए भविष्य में ऐसे किसी भी संकट का सामना करने के लिए सरकार जिला अस्पतालों के उन्नयन, सीएचसी-पीएचसी की क्षमता बढ़ाने पर जोर देना चाहिए.
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सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने पर देना होगा जोर
शिक्षा विशेषज्ञों की मानें तो सरकार को इस बजट में सरकारी स्कूल की हालत सुधारने पर जोर देना होगा. ऐसा बजट लाना होगा कि हर जिले के सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधा मिल सके और ऐसी सुविधा मिल सके जो बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों में दी जाती है, क्योंकि आज भी मां बाप अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में नहीं भेजना चाहते पाते वो अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाना पसंद करते हैं.