गुरुग्राम: मंदी की मार झेल रही ऑटो इंडस्ट्री पर कोरोना वायरस ने दोहरी मार की है. ये सेक्टर भयंकर मंदी से जूझ रहा है. अर्थव्यवस्था पटरी पर आए इसको लेकर सरकार ने कुछ गाडडलाइन जारी कर प्रोडक्शन शुरू करने के आदेश दिए.
12 मई से मारुति के मानेसर प्लांट में प्रोडक्शन का काम शुरू हुआ है. लेकिन अभी तक प्रोडक्शन पर कोई सकारात्मक असर नहीं दिखा है. मारुति सुजुकी के कामगार यूनियन के महासचिव के मुताबिक सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मेन्युफेक्चरिंग में काफी परेशानी आ रही हैं.
पहले मारुति के मानेसर प्लांट में 8000 से 10000 कर्मचारी काम करते थे. नई गाइडलाइन के तहत अब यहां 2500 से 3000 कर्मचारी काम कर रहे हैं. जिससे की मेन्युफेक्चरिंग पर असर पड़ रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से पार्ट्स को असेंबल करने में काफी परेशानी हो रही है.
मारुति सुजुकी के कामगार यूनियन के महासचिव ने बताया कि दोबारा से स्थिति सामान्य होने में काफी वक्त लगेगा. देश की जानी मानी कार निर्माता कंपनी मारुति के एक प्लांट में हर महीने लगभग 1.5 लाख गाड़ियां बनाई जाती हैं, अब ये उत्पादन ना के बराबर रह गया है.
लघु उद्योग भारत के हेड डॉक्टर राजेश गुप्ता ने भी सरकार को अर्थव्यवस्था सुधारने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को डिफाल्टर और सही कंपनी का चुनाव करना चाहिए. जिसके बाद सारे नियमों का सही तरीके से पालन करने वाली कंपनी को एक प्रतिशत की टैस्क में छूट दी जानी चाहिए.