गुरुग्राम:एक तरफ चाइना अपनी दोगली नीति से भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ भारत ने मोहब्बत का पैगाम देते हुए उसकी 32 साल की बेटी को स्पेशल फ्लाइट के जरिए चीन घर भेज दिया है. दरअसल 4 महीने पहले चीन से एक 32 साल की युवती जैंग ऐक्सी भारत घूमने आई थी, लेकिन कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से वो घर नहीं जा सकी.
घर ना जाने की वजह से युवती का मानसिक संतुलन बिगड़ गया. जिसके बाद युवती को पुलिस ने गुरुग्राम की सड़कों पर घूमा देखा तो वहां से लाकर गुरुग्राम के अर्थ सेवियर फाउंडेशन के आश्रम में भेज दिया. जिसके फाउंडर रवि कालरा ने युवती को हिफाजत से रखा. ईटीवी भारत से बात करते हुए रवि कालरा ने बताया कि युवती जब उनके आश्रम में आई थी, तो मानसिक रूप से बहुत परेशान थी. यही नहीं वो उनके स्टाफ के साथ मारपीट भी करती थी. एक बार तो ये युवती आश्रम से कूदकर भाग भी गई थी.
देखिए कैसे चीन की बेटी 4 महीने से देखभाल कर रहा था गुरुग्राम का ये आश्रम चाइना की टिक-टॉक स्टार है जैंग ऐक्सी
जैंग ऐक्सी की देखभाल करने वाली महिला ने बताया कि जैंग ऐक्सी चाइना की टिक-टॉक स्टार है और वो अपने फॉलोअर्स को लेकर बेहद चिंतित रहती थी और जब वो आई तो उसके पास दो फोन थे इसके बावजूद भी उसको एक फोन रवि कालरा ने दिया. जिसको लेकर वो चीन भी गई है. जैंग ऐक्सी को किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए उसे 24 घंटे वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई.
हेल्थ कॉन्शियस थी जैंग ऐक्सी
रवि कालरा ने बताया कि जब युवती आश्रम में आई थी तो बहुत हेल्थ कॉन्शियस थी. हालांकि उसको भारत का खाना बहुत अच्छा लगता था और वो खाती भी थी, लेकिन जब वो आश्रम आई तो उसके बैग में वेट नापने वाली मशीन थी और वो खाना खाने के बाद अपना वजन चेक करती थी. अगर उसको लगता था कि उसका वजन बढ़ गया है तो वो 3 दिन या 4 दिन तक सिर्फ दही या खुद लेमन जूस बनाकर पीती थी.
शुरू में आश्रम के कर्मचारियों से की मारपीट
जब शुरू में जैंग ऐक्सी आश्रम में पहुंची तो वो मानसिक रूप से बीमार थी. जिसके चलते वो कर्मचारियों के साथ मारपीट भी करती थी. यही नहीं गुरुग्राम पुलिस की ओर से युवती की देखभाल और सेफ्टी को देखते हुए दो लेडीस कांस्टेवल लगाई गई थीं. एक बार जैंग ऐक्सी को किसी बात पर गुस्सा आया तो उसने लेडीस सिपाही जो गर्भवती थी, उसके पेट पर लात तक मार दी थी, लेकिन उसके बावजूद अर्थ सेवियर फाउंडेशन की ओर से युवती की काउंसलिंग की गई. कुछ दिन बाद वो ठीक हो गई और यहां से सकुशल वापस चली गई.
चीन की भारत में मेहमान बनकर आई नागरिक का पूरा खयाल रखा गया. यही नहीं उसको सकुशल उसके घर भी भिजवाया दिया है. हालांकि इसमें चीन एंबेसी की ओर से कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई. सिर्फ युक्ति का पासपोर्ट दिया गया था, जो युवत से फट गया था. बाकी उसके टिकट से लेकर उसके रहन-सहन की व्यवस्था फाउंडेशन ने की. जब युवती गई तो उसने भारत सरकार और भारत के लोगों की जमकर तारीफ की.