गुरुग्राम : लैंड फॉर जॉब यानी नौकरी के बदले जमीन (Land for job scam) लेने के मामले में बुधवार को सीबीआई ने बिहार के आरजेडी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की है. बिहार, दिल्ली और हरियाणा के तकरीबन 25 ठिकानों पर सीबीआई ने छापा मारा. इसी कड़ी में सीबीआई ने गुरुग्राम में छापेमारी की. बुधवार सुबह सीबीआई की टीम गुरुग्राम के सेक्टर 71, सेक्टर 65 और सेक्टर 42 में पहुंचकर रेड की.
तेजस्वी यादव की हिस्सेदारी वाले मॉल में रेड-बुधवार कोसीबीआई ने गुरुग्राम के मॉल में छापा मारा. सेक्टर 71 में बन रहे अर्बन क्यूब्स मॉल में छापा मारा (Gurugram urban cubes mall) है. इस निर्माणाधीन मॉल में मौजूद लोगों से सीबीआई की टीम ने पूछताछ की. सेक्टर 71 में बन रहे इस मॉल का निर्माण वाइट लैंड बिल्डर कर रहा है. बताया जा रहा है कि इस मॉल में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की बड़ी हिस्सेदारी (CBI Raid In Urban Cubes Mall Gurugram) है. बता दें कि देशभर के अलग अलग शहरों में आज सीबीआई की टीम आरजेडी नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की कार्यवाही कर रही है. सेक्टर 71 के अलावा सीबीआई ने गुरुग्राम के सेक्टर 65 और सेक्टर 42 में भी रेड की थी, इन तीनों सेक्टर्स में मॉल का निर्माण करने वाली कंपनी वाइट लैंड बिल्डर का दफ्तर है.
गुरुग्राम के सेक्टर 78 में स्थित अर्बन क्यूब मॉल करीब 6 घंटे चली सीबीआई की रेड-गुरुग्राम के सेक्टर 71 के वाइटलैंड दफ्तर में भी सीबीआई ने छापा मारा था. गुरुग्राम का अर्बन क्यूब्स मॉल सेक्टर 71 में स्थित है, जिसमें तेजस्वी यादव की हिस्सेदारी (CBI raid In tejashwi yadav mall) है, जिसे देखते हुए सीबीआई की टीम बुधवार सुबह करीब 8 बजे छापेमारी के लिए (CBI Raid in Gurugram Mall) पहुंची थी. करीब 6 घंटे चली रेड में सीबीआई की टीम ने कई दस्तावेजों की जांच की और वहां मौजूद लोगों से पूछताछ भी की. रेड खत्म होने पर जब सीबीआई की टीम बाहर निकली तो उस वक्त सीबीआई की टीम एक प्रिंटर, लैपटॉप और कुछ डॉक्यूमेंट्स साथ लेकर निकली.
क्या है रेलवे भर्ती घोटाला : दरअसल, रेलवे भर्ती घोटाले को लैंड फॉर जॉब घोटाला (Land for job scam) भी कहते हैं. ये घोटाला साल 2004 से 2009 के बीच के समय का है. लालू यादव जब रेल मंत्री थे तो नौकरी लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए गए थे. इस मामले में 18 मई को सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव समेत अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इसी साल मई 2022 में एक साथ 17 ठिकानों पर छापेमारी भी की गई थी. आरोप है कि रेलवे में ग्रुप डी में नौकरी के बदले पटना में प्रमुख संपत्तियों को लालू के परिवार के सदस्यों को बेची या गिफ्ट में दी गई थी.
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