गुरुग्राम: साइबर सिटी के पॉश इलाके में ईडब्लूएस फ्लैट को नियमों को ताक पर रखकर रजिस्ट्री करने के मामले में एसडीएम, नायब तहसीलदार, रजिस्ट्री कलर्क समेत पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. ये मामला कोर्ट के आदेश के बाद गुरुग्राम के शिवाजी नगर थाने में भ्रष्टाचार अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
दरअसल ये एफआईआर साल 2018 में ईब्लूएस फ्लैट को कोटे में लेने के बाद नियमों को ताक पर रख कर 40 दिन के अंदर फ्लैट को बेचने के सिलसिले में दर्ज किया गया है. जबकि नियमानुसार फ्लैट को पांच साल से पहले नहीं बेचा जा सकता है. उस दौरान तत्कालीन तहसीलदार दलबीर सिंह दुग्गल और रजिस्ट्री कलर्क ने मिलीभगत कर फ्लैट की रजिस्ट्री भी कर दी.
गुरुग्राम में एसडीएम, नायब तहसीलदार, रजिस्ट्री क्लर्क समेत पांच के खिलाफ हुआ मामला दर्ज 24 अगस्त 2018 को इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को शिकायत दी गई और शिकायत में मुख्यमंत्री ने एडीसी को जांच के आदेश दिए थे. एडीसी ने 14 मई 2019 को रिपोर्ट उपायुक्त को सौंप दी. जिसमें रजिस्ट्री करने वाले और करवाने वालों को दोषी पाया गया था. इस पर उपायुक्त ने मामला दर्ज करने का आदेश दिए थे, लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. उसके बाद उपायुक्त ने जुलाई 2019 मे पत्र लिखकर एसडीएम को मामला दर्ज करवाने के लिए कहा गया. तब भी मामला दर्ज नहीं कराया गया. ऐसे में कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने कोर्ट का सहारा लिया और कोर्ट ने सुनवाई के बाद मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए.
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कोर्ट ने एसडीएम जितेंद्र कुमार, नायब तहसीलदार राजीव दुग्गल, रजिस्ट्री कलर्क विकास वर्मा, फ्लैट बेचने वाली महिला कमला, फ्लैट खरीदने वाली महिला विजय महेंद्र और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए थे. बहरहाल शिवजी नगर थाने में धारा 120बी,166ए,409,420,468, 9 और 13 अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया. गुरुग्राम पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है.