गुरुग्राम: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोहना का दोहला गांव गोद लिया था. जिसके बाद गांव के लोगों में उम्मीद जगी कि शायद अब उनके अच्छे दिन आएंगे, लेकिन सच्चाई तो ये है कि यहां महीनों से खस्ता हाल बिजली के खंभे को शिकायत के बाद भी बदला नहीं गया है.
टूटा खंभा दे रहा है हादसों को न्योता!
ये खंभा सीनियर सैकेंडरी स्कूल और आंगनवाड़ी सेंटर के पास खड़ा है और तारें जमीन से सटने की तैयारी में है. ऐसे में स्कूल और आंगनवाड़ी में जाने वाले छात्र तारों की चपेट में आ सकते हैं. हैरानी तो इस बात की है कि प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी शिकायत दी गई, लेकिन वो शायद हादसे के इंतजार में है.
पूर्व राष्ट्रपति के गोद लिए गांव में अव्यवस्थाओं का अंबार, क्लिक कर देखें वीडियो शिकायत के बाद भी नहीं हुआ समाधान
गांव के सरपंच ने बताया कि बिजली विभाग के एसडीओ और जेई को इसकी लिखित में शिकायत दी गई. शिकायत के बाद एसडीओ और जेई ने को मौका मुआयना किया. जल्द इसके समाधान का आश्वासन भी दिया और फिर भूल भी गए.
'कार्यालय से नदारद रहते हैं एसडीओ'
जब हमारी टीम ने विभाग के अधिकारियों की प्रतिक्रिया लेने बिजली बोर्ड के सबडिवीजन अधिकारी के कार्यालय पहुंची तो वहां पर एसडीओ अपने कार्यालय से नदारद मिले. जहां खड़े हरियहेड़ा और अलीपुर के किसानों ने बताया कि वो भी काफी समय से बिजली का ट्रांसफार्मर लगवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं. लेकिन अधिकारी यहां नदारद ही रहते हैं.
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अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
ये कहानी उस गांव की है जिसे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गोद लिया है. लोग हैरान हैं, परेशान हैं और अधिकारी आराम फरमा रहे हैं. सिर्फ दोहला गांव ही नहीं बल्कि आस-पास के गांव भी अधिकारियों के सुस्त रवैये से परेशान हैं. ग्रामीणों के मुताबिक अधिकारियों को लिखित में शिकायत दी जाती है. उसके बाद भी उनकी सुनने वाला कोई नहीं है.