गुरुग्राम: पहले जहां बड़ी-बड़ी गाड़ियां, बड़े-बड़े घरों को स्टेटस सिंबल माना जाता है. वहीं अब हथियार रखना भी स्टेटस का सिंबल माना जाने लगा है. हथियार, हथियारों का लाइसेंस ये सब कायदे से तो इंसानी जान की हिफाजत के लिए है. मगर कई बार हिफाजत की ये जरूरी चीजें शौक और जलवे में तब्दील हो जाती है.
प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाला साइबर सिटी गुरुग्राम में बड़ी-बड़ी कंपनियां, फैक्ट्रियां और नेताओं के घर हैं. बड़ी-बड़ी हस्तियां गुरुग्राम में रहती हैं. ऐसे में लाइसेंसी हथियार ज्यादा होना यहां पर स्वाभाविक है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक गुरुग्राम में 6800 से ज्यादा लोगों के हथियार का लाइसेंस है.
गुरुग्राम में 6800 लोगों के पास है लाइसेंसी हथियार
गुरुग्राम पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर कुलविंदर की मानें तो गुरुग्राम में कुल 6800 लोगों के पास हथियार के लाइसेंस हैं. इनमें से कुछ लोग गुरुग्राम के रहने वाले हैं और कुछ बाहर से आए हैं. हालांकि गुरुग्राम पुलिस लाइसेंस देने से पहले तमाम सरकारी पैमानों का जायजा लेती है. जिसके बाद ही लाइसेंस दिए जाते हैं..
2020 में 485 लोगों ने हथियार के लाइसेंस के लिए किया था आवेदन
गुरुग्राम पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर कुलविंदर ने बताया कि साइबर सिटी गुरुग्राम में हर साल 400 से ज्यादा लोग लाइसेंस के लिए अप्लाई करते हैं. बीते साल 2020 की बात करें तो 485 लोगों ने हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था.
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इन सभी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही मिलता है लाइसेंस
1. लाइसेंस के लिए सबसे पहले पुलिस कमिश्नर ऑफिस में आवेदन करना होता है. आवेदन के साथ ही हथियार की जरूरत बतानी होती है.
2.इसके बाद आपका आवेदन पुलिस जांच के लिए आपके क्षेत्रीय थाने में पहुंचता है.
3.थाने से आवेदक का सत्यापन किया जाता है. इसमें उसके स्थाई पते, पृष्ठभूमि, कामकाज और आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में पूरी जानकारी ली जाती है.
4.सत्यापन के बाद आवेदन को जिला क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो में भेजा जाता है. वहां आवेदक के आपराधिक रिकॉर्ड का पता लगाया जाता है. थाने से आई रिपोर्ट को दोबारा चेक किया जाता है.