फतेहाबाद: देवेंद्र बबली किसान विवाद (devender babli farmers protest) लगातार बढ़ता जा रहा है. किसानों की ओर से शनिवार को पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया गया है. वहीं किसानों के ऐलान के बाद हरियाणा में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. अगर बात टोहाना की करें तो यहां भी किसानों की ओर से बड़ा कार्यक्रम आयोजिक किया जा रहा है, जिसमें किसान नेता राकेश टिकैत, गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव भी मौजदू हैं.
वहीं इस कार्यक्रम में किसान नेता धीरज गाबा भी पहुंचे. ये वहीं किसान नेता हैं कि जिनकी गिरफ्तारी के लिए टोहाना पुलिस (tohana police raid) की ओर से उनके घर पर तड़के सुबह छापेमारीकी गई थी. किसान नेता धीरज गाबा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने प्रशासन और पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए.
'पुलिस के पास नहीं था कोई वारंट'
छापेमारी के बारे में धीरज गाबा ने कहा कि उस दिन पुलिस बिना की सूचना के उनके घर पहुंची थी. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के उन्हें छापेमारी से पहले कोई वारंट नहीं दिखाया, क्योंकि पुलिस की ओर ये कार्रवाई गैर कानूनी तरीके से की गई थी.
'किसानों पर दर्ज हुए झूठे मुकदमे'
धीरज गाबा ने कहा कि टोहाना प्रशासन की ओर से किसानों को आश्वासन दिया गया था कि जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली से बात की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और ना ही उनके खिलाफ कोई केस दर्ज किया गया. जबकि इसके उल्ट देवेंद्र बबली के कहने पर किसानों पर ही झूटे मुकदमे दर्ज किए गए हैं.