फतेहाबाद: टोहाना के नागरिक अस्पताल में 4 फॉर्मासिस्ट के पदों में से 3 पद खाली हैं. जिसकी वजह से मरीजों को घंटों लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता है. हालात ये हैं कि मरीजों को अन्य स्वास्थय कर्मी दवाई वितरित कर रहे हैं. मीडिया ने जब खबर को दिखाया गया तो विभाग की तरफ से खानापूर्ति कर दी गई. यहां पर फिलहाल विभाग ने 14 दिन के लिए डेपुटेशन पर एक फार्मासिस्ट को भेजा है. जिसे स्वंय नागरिक अस्पताल के सिनियर मेडिकल ऑफिसर भी खामी मान रहे हैं.
मीडिया में खबर आने के बाद सरकार ने मामले में संज्ञान लेते हुए भूना से फार्मासिस्ट यशपाल को 14 दिन के लिए टोहाना भेजने के आदेश जारी कर दिए. यशपाल ने टोहाना आकर काम सम्भाल लिया है, लेकिन अस्प्ताल प्रबंधन की माने तो 14 दिन के लिए कर्मी को भेजना समस्या का हल नहीं है. सरकार को इस पर संज्ञान लेते हुए स्थाई नियुक्ति के आदेश जारी करने चाहिए.
मीडिया में खबर आने के बाद सरकार ने मामले में संज्ञान लेते हुए भूना से फार्मासिस्ट यशपाल को 14 दिन के लिए टोहाना भेजने के आदेश जारी कर दिए. इस बारे में यशपाल ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार उनके 14 दिन के लिए टोहाना के आदेश आए हैं, यहां पर 4 में से तीन पोस्ट खाली पड़ी हैं. उन्होंने बताया उनकी भूना से टोहाना डेपुटेशन हुई है, उनकी पत्नी भूना में इसी पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि वो दोनों पति पत्नी नियमित सेवाए देना चाहते हैं, सरकार को जनहित को देखते हुए ये करना चाहिए. एसएमओ डॉक्टर हरविंद्र सागू ने बताया कि नागरिक अस्प्ताल में 4 में से 3 फार्मासिस्ट के पद खाली थे. जिसके चलते लोगो को परेशानी आ रही थी. अब सिविल सर्जन ने एक फार्मासिस्ट को 14 दिन के लिए टोहाना भेजा है, लेकिन ये समस्या का स्थाई हल नहीं है. उन्होंने कहा कि यशपाल और उसकी पत्नी दोनों टोहाना आना चाहते हैं सरकार को इन्हें स्थाई नियुक्ति कर देनी चाहिए. उन्होंने कहा की फार्मासिस्ट की समस्या के चलते अन्यं कर्मियों से द्ववाई बंटवानी पड़ती थी.
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ऐसे में जब प्रदेश सरकार के द्वारा स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य को सुधारने के बडे-बडे दावें किए जाते हैं. ऐसे में समस्या की खानापूर्ति करते हुए इस तरह की नियुक्ति विभाग के दावों पर सवालिया निशान है. फिलहाल इस नियुक्ति से न तो डेपुटेशन पर आए कर्मी सन्तुष्ट नजर आ रहे हैं वो ना ही नागरिक अस्पताल के सीनियर मेडिकल ऑफिसर. देखना होगा कि इस समस्या का विभाग क्या स्थाई हल निकालता है या जनता व अस्पताल प्रशासन यूं ही परेशानी को झेलता रहेगा.