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सरकार के दावे हो रहे फेल, फतेहाबाद में अब तक 42 जगहों पर जलाई गई पराली

सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद हरियाणा में पराली जलाने के मामले कम नहीं हो रहे हैं. करनाल, कुरुक्षेत्र समेत कई जिलों में अब तक पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं. केवल फतेहाबाद (Stubble burning in Fatehabad) जिले में अभी तक 42 जगहों पर पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं.

Stubble burning in Fatehabad
Stubble burning in Fatehabad

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Published : Oct 20, 2022, 3:56 PM IST

फतेहाबाद: धान फसल की कटाई के साथ ही हरियाणा में पराली जलाने के मामले (Stubble Burning Cases in Haryana) सामने आने लगे हैं. पिछले 3 दिन में लगातार फतेहाबाद जिले में करीब 42 जगह पर पराली जलाई गई और कृषि विभाग के द्वारा स्थापित सेटेलाइट सिस्टम हरसेक के जरिए फायर लोकेशन की पहचान हुई है. कृषि विभाग फतेहाबाद के उपनिदेशक राजेश सिहाग ने बताया कि फतेहाबाद जिले के करीब 42 जगहों पर पराली जलाने की लोकेशन प्राप्त हुई है और 13 किसानों के खिलाफ करवाई करते हुए उन से 15 हजार रुपए जुर्माना भी वसूला गया है.

राजेश सिहाग ने बताया कि पराली जलाए जाने की लोकेशन मिलने के बाद फिजिकल तौर पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए संबंधित पटवारी, तहसीलदार व अन्य अधिकारियों की टीम को मौके पर भेजा गया है. रिपोर्ट मिलने के बाद आरोपी किसानों के खिलाफ पराली जलाने के आरोप में उनके चालान काटे जा रहे हैं और उन से जुर्माना वसूला जा रहा है. राजेश सिहाग ने बताया की फतेहाबाद जिले की तीन विधानसभा रतिया, टोहाना, फतेहाबाद में एसडीएम के सुपरविजन में अलग-अलग विभागों की टीमें पराली जलाए जाने की घटनाओं पर नजर रखेंगी. कहीं भी पराली जलाने की सूचना मिलती है तो वहां मौके की रिपोर्ट तैयार कर संबंधित किसानों के खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी.

फतेहाबाद में पराली जलाने के मामले

कृषि अधिकारियों का कहना है कि जो किसान पराली जलाते हैं और उन का अगर गन लाईसेंस बना हुआ है तो उस किसान का गन लाईसेंस कैंसल किया जाएगा. ये आदेश जिला उपायुक्त ने जारी किया है. राकेश सिहाग ने बताया की जो किसान पराली को आग लगा रहे हैं उन किसानों से 2500 से ले कर 15 हजार रुपये तक का जुर्माने बसूला जा रहा है. इस बार कृषि विभाग की जगह सरकार ने पॉल्यूशन विभाग को कंट्रोल डिपार्टमेंट बनाया है. कृषि विभाग की ओर से अपील की गई है कि किसान पराली को आग ना लगाएं और सरकार की ओर से उपलब्ध करवाए गए संयंत्रों के जरिए पराली का निपटारा करें.

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