फरीदाबाद:अनलॉक-1 में छूट मिलने के बाद बंद पड़े काम शुरू किए जा रहे हैं. उद्योगों को पूरी रफ्तार के साथ चलाने के लिए उद्योग संचालक जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं, लेकिन उद्योगों की 'रीड की हड्डी' यानी कि लेबर पर्याप्त मात्रा में नहीं होने की वजह से उद्योग जगत पर भारी असर देखने को मिल रहा है.
उद्योग नगरी फरीदाबाद भी लेबर की कमी से भारी नुकसान झेलने को मजबूर है. लेबर नहीं मिलने के पीछे सबसे बड़ा कारण ये है कि लॉकडाउन के दौरान भारी संख्या में मजदूर फरीदाबाद से पलायन कर अपने गृह क्षेत्र चले गए थे. जो अभी तक वापस नहीं आए हैं. बता दें कि उद्योग में दो तरह की लेबर काम करती है. जिनमें एक स्किल्ड लेबर और दूसरी अनस्किल्ड लेबर होती है, लेकिन आज की तारीख में फरीदाबाद में दोनों ही तरह की लेबर की कमी देखने को मिल रही है.
जिला उद्योग केंद्र के ज्वॉइंट डायरेक्टर ईश्वर सिंह खुद इस बात को मानते हैं कि लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के चले जाने से उद्योग को लेबर की परेशानी झेलनी पड़ रही है. ईश्वर सिंह की माने तो फरीदाबाद में छोटे और बड़े सभी मिलाकर 31000 उद्योग हैं, जिनमें से अब तक 16519 उद्योगों को चलाने की मंजूरी जिला उद्योग केंद्र की तरफ से दी गई है. उद्योगों में काम करने के लिए करीब 6 लाख लेबर पास जारी किए गए हैं, लेकिन उसके बावजूद भी उद्योग में लेबर की कमी देखने को मिल रही है.