फतेहाबाद: बेशक टोहाना को नहरों की नगरी कहा जाता है. इसके बावजूद यहां भूजल का संकट ऐसे गहराया कि टोहाना डार्क जोन घोषित करना पड़ा. तभी से पूरे ब्लॉक में नया नलकूप लगाने पर पाबंदी लगा दी गई.
प्रशासन और आम जनता परेशान
फिर भी पानी दोहन में कोई कमी नहीं आई और भूजल खतरे के निशान की तरफ तेजी से गहराता जा रहा है. जिला एंव सांख्यिकी विभाग के अनुसार अभी भी टोहाना उपमंडल में 12 हजार से अधिक नलकूप हैं, जो धान सीजन में सबसे अधिक पानी दोहन करते हैं. यहां के ये हालात ऐसे हैं जिसे देखकर प्रशासन और आम नागरिक दोनों परेशान है.