हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

जेजेपी नेत्री मंजू बाजीगर ने पार्टी को कहा अलविदा, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर लगाए गंभीर आरोप - दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री हरियाणा

फतेहाबाद में जेजेपी नेता मंजू बाजीगर ने पार्टी से इस्तीफा (jjp leader manju baazigar resigned) दे दिया है. इसके साथ ही मंजू बाजीगर ने हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर अनदेखी के आरोप लगाए हैं.

jjp leader manju baazigar
jjp leader manju baazigar

By

Published : Sep 19, 2022, 5:17 PM IST

फतेहाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में रतिया विधानसभा से जननायक जनता पार्टी की प्रत्याशी रही मंजू बाजीगर ने पार्टी से इस्तीफा (jjp leader manju baazigar resigned) दे दिया है. वो इस वक्त जेजेपी की प्रदेश महिला महासचिव थी. सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा देते हुए उन्होंने कहा कि उसूलों पर अगर आंच आए तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है.

उन्होंने कहा कि जब से चुनाव हुए हैं. तब से पार्टी ने उन्हें कोई तवज्जों नहीं दी और लगातार उन्हें अनदेखा किया गया. यहां तक कि उनके द्वारा दिए गए हल्के के विकास कार्यों को भी ज्यादा जरूरी नहीं समझा गया. उन्होंने कहा कि पार्टी जिस तरह अपनी छवि का प्रचार-प्रसार और दिखवा करती है. वास्तव में वैसा नहीं है.

मैं समस्त हल्का वासियों व लगभग 30 हजार परिवारों से भी माफी चाहती हूं कि सरकार में होते हुए भी मैं आपके कार्यों व समस्याओं को हल नहीं करवा सकी, क्योंकि मेरी कहीं कोई पूछ ही नहीं थी. हल्के के विकास कार्यों के साथ-साथ मेरे समाज की एक मांग थी कि हल्का रतिया में राज्य स्तरीय धर्मशाला बनवाई जाए. जिसका पूरा खाका तैयार करके जमीन चिन्हित कर, प्रस्ताव पास करवाकर भी दिया गया. उस पर भी 2020 से सिर्फ आश्वासन ही मिले रहें हैं. समाज के सुप्रसिद्ध लोक गायक मरहूम पूरनचंद यमला जी के नाम पर उनके गांव में प्रवेश द्वार बनाने की मांग रखी, लेकिन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने साफ मना कर दिया कि अब यादगार द्वार बनने बंद हो गए हैं. जिससे कि समाज ने भी काफी नाराजगी जाहिर की है.- मंजू बाजीगर

मंजू बाजीगर ने कहा कि फिर भी मैंने उपमुख्यमंत्री (dushyant chautala deputy chief minister haryana) से हल्के में आने का निमंत्रण दिया व आग्रह किया कि आप हल्के का एक दौरा करके हल्के में विकास कार्यों के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दे, लेकिन वहां भी आश्वासन मिला. चुनाव से पहले और बाद तक उपमुख्यमंत्री ने हल्के में आना शायद ज्यादा जरूरी नहीं समझा. उन्होंने कहा कि मैं जब भी जनता के सुख-दुःख में जाती हूं, तो लोग अपनी समस्याओं के बारे बताते हैं और कहते कि आप सरकार में हो. हमारे काम करवाओ, परंतु मेरे पास कहने और करने के लिए कुछ भी नहीं होता. ऐसे बहुत से साथी हैं, जिनके कोई काम नहीं हो रहे और प्रतिदिन हो रही अनदेखी से अपमानित हो रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details