फतेहाबाद:जिले के गांव ढिंगसरा के बहुचर्चित हॉरर किलिंग मामले में सभी 16 दोषियों को मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. पंकज की अदालत (Fatehabad court) ने आजीवन कारावास की कैद व 16 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषियों को आईपीसी की धारा 120बी व 5000 रुपये जुर्माना, 302 में आजीवन कारावास व 5 हजार रुपये का जुर्माना, धारा 148 में 3 साल, धारा 285 में 6 माह की कैद, धारा 452 में 7 साल कैद व 2 हजार का जुर्माना, धारा 364 में 10 साल कैद व 2000 रुपये जुर्माना तथा धारा 201 के तहत 3 साल कैद व 2 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.
इस मामले में एक आरोपी श्रीराम की कोर्ट में ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है. गांव डोबी के धर्मबीर ने साल 2018 में शीशवाल गांव में मामा के घर रह रही सुनीता के साथ अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था. इससे गुस्साए सुनीता के परिजनों, रिश्तेदारों ने धर्मबीर की तड़पा-तड़पा कर बर्बर तरीके से हत्या कर दी थी. सभी दोषियों को कोर्ट ने 16 मार्च को दोषी करार दिया था. हिसार के डोबी गांव का रहने वाला धर्मबीर प्राइवेट बस पर ड्राइवर था. वहीं गांव मंगाली की सुनीता अपने मामा के घर हिसार के गांव शीशवाल में रहती थी. वह बस से आदमपुर पढ़ने जाती थी.
धर्मबीर-सुनीता का प्यार यहीं से परवान चढ़ा. दोनों की जाति अलग-अलग थी और परिजन उनकी शादी को तैयार नहीं हुए. दोनों ने मार्च 2018 में घर से भाग कर सिरसा के छत्तरपट्टी मंदिर में लव मैरिज कर ली. सिरसा कोर्ट में दोनों ने सुरक्षा मांगी तो उनको सेफ हाउस भेज दिया गया. सुनीता की शादी से उसके परिजन भड़के हुए थे. कुछ दिन सेफ हाउस में रहने के बाद धर्मबीर अपने मामा के पास ढिंगसरा चला गया. 1 जून 2018 को युवती के परिजन ढिंगसरा गांव पहुंचे और वहां पर हवाई फायर कर धर्मबीर और सुनीता का अपहरण कर लिया.