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फतेहाबाद कोर्ट ने रेप के आरोपी को किया बरी, कहा यह रेप नहीं सहमति

हरियाणा में फतेहाबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलवंत सिंह की अदालत ने रेप (Fatehabad court acquitted rape accused) के एक मामले में रेप को सहमति की संज्ञा देते हुए रेप के आरोपी को बरी कर दिया है.

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फतेहाबाद कोर्ट ने रेप के दोषी को किया बरी

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Published : Dec 19, 2022, 10:51 PM IST

फतेहाबाद: हरियाणा में फतेहाबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बलवंत सिंह की अदालत ने रेप (rape case in Fatehabad) के एक मामले में रेप को सहमति की संज्ञा देते हुए रेप के आरोपी को बरी कर दिया है. कोर्ट ने कहा घटनाक्रम से लगता नहीं कि आरोपी ने कभी जबरदस्ती की. कोर्ट ने कहा साल भर हुए फिजिकल रिलेशनशिप मेंं महिला की भी बराबर सहमति नजर आती है. उल्लेखनीय है कि रतिया के एक गांव में दो बच्चों की मां ने गुरजीवन सिंह के खिलाफ डरा धमका कर एक साल तक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था.

सदर रतिया पुलिस ने 23 मार्च 2022 को गुरजीवन सिंह के विरुद्ध धारा 323, 450, 354, 3543, 376, 506 के तहम मामला दर्ज किया था. पीड़िता का आरोप था कि वह दो बच्चों की मां है. उसके सास ससुर वृद्ध है. उसका पति मजदूरी करता है. महिला का कहना था कि उसका पड़ोसी गुरजीवन अक्सर उसे छेड़ता तंग करता था. एक दिन वह उसे घर में अकेला देखकर घुस आया और जबरदस्ती खींचकर कर कमरे में ले गया और दुष्कर्म किया.

आरोप है कि गुरजीवन ने उसे धमकाया कि यदि उसने किसी को बताया तो वह उसे और उसके परिवार को मरवा देगा. उसके बाद जब भी वह घर में अकेली होती वह उसके साथ दुष्कर्म करता. 3 मार्च 2022 को भी उसने यही प्रयास किया और उसने शोर मचाया मगर गांव वालों ने समझौता करवा दिया. इसी तरह 23 मार्च को भी उसने यही प्रयास किया. मगर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महिला ने दोनों मामले में उस वक्त शोर मचाया जब उसका पति ऊपर से आ गया.

अन्यथा ऐसा नही हो सकता कि सास, ससुर और दो बच्चों के घर में होते हुए कोई व्यक्ति छत कूदकर जबरदस्ती कमरे से उठाकर महिला को दूसरे कमरे मे ले जाएं और दुष्कर्म कर दें. महिला कभी भी शोर मचा सकती थी लेकिन उसने दो बार उस वक्त शोर मचाया जब उसके पति ने साथ (Rape accused acquitted in Fatehabad) देख लिया. 23 मार्च को तो पति ने साथ वाले कमरे में हलचल सुनी और उसने दरवाजा खटखटाया तो गुरजीवन उसके सामने ही भाग गया.

23 मार्च को ही पीड़िता ने पति को बताया कि एक साल से गुर्जीवन दुष्कर्म कर रहा था. कोर्ट ने कहा पीड़ित पक्ष यह साबित नहीं कर पाया कि अभियुक्त ने जबरदस्ती संबंध बनाएंं. कोर्ट ने कहा कि 3 मार्च को जब पति और बच्चें भी घर में सोए थे किसी की हिम्मत नहीं हो सकती कि वह महिला को जबरदस्ती उठाकर दूसरे कमरे में ले जाए और रेप कर दें. इससे साफ होता है कि महिला अपनी मर्जी से उठकर दूसरे कमरे में गई जहां अभियुक्त था.

महिला ने अपनी इच्छा से फिजिकल रिलेशन बनाए थे. बाईचांस उसके पति की नींद खुल गई और उसने दोनों को आपतिजनक अवस्था में देख लिया. ऐसे में लगता है कि महिला ने तब जबरदस्ती करने के आरोप जड़ दिए होंगे. कोर्ट ने कहा महिला का एक्ट और कंडक्ट दर्शाता है कि जब भी उसका पति बाहर होता था वह अपने साथी को बुलाती होगी.

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कोर्ट ने कहा यह विश्वास करना मुमकिन नहीं है कि एक व्यक्ति एक साल तक दुष्कर्म करें और महिला अपने पति को बताएं भी नहीं. कोर्ट ने कहा महिला ने अपने पति के विश्वास को भी तोड़ा है. कोर्ट ने मामले को सहमति से बनाएं गए संबंध बताते हुए आरोपी गुरजीवन को बरी (Rape accused acquitted in Fatehabad) कर दिया.

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