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हरियाणा के इस जिले में किसानों ने जलाई पराली, चालान काटने आए पटवारी और उसकी टीम को बनाया बंधक

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Published : Oct 16, 2021, 8:47 AM IST

फतेहाबाद के हुकमावाली गांव (Hukmawali Village Fatehabad) में पराली जलाने का मामला सामने आया है. जब पटवारी ने किसानों का चालान काटाना चाहा तो किसानों ने तहसीलदार को बंधक बना लिया.

Fatehabad stubble burning case
Fatehabad stubble burning case

फतेहाबाद: हुकमावाली गांव (Hukmawali Village Fatehabad) में पराली जलाने का मामला सामने आया है. जैसे पराली जलाने की सूचना पटवारी को मिली तो वो अपनी टीम को लेकर मौके पर पहुंचा. इसके बाद पटवारी ने किसानों से पराली ना जलाने की अपील की. खबर है कि इस दौरान किसानों को पटवारी में बहस हुई. जिसके बाद किसानों ने पटवारी को बंधक (Farmers held Patwari hostage) बना लिया.

इस पूरे घनाक्रम की सूचना एसडीएम भारत भूषण कौशिक को मिली. जिसके बाद एसडीएम और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाया. इसके बाद किसानों ने पटवारी और उसकी टीम को मुक्त कर दिया. किसानों ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर उनकी टीम दोबारा खेतों में आई तो उसे दोबारा बंधक बना लिया जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक हुकमावाली गांव के कुछ किसानों ने खेतों की पराली को आग लगा दी थी, जबकि सरकार ने सूबे में पराली जलाने पर बैन लगाया है.

जो भी किसान पराल जलाता है तो विभाग सैटेलाइट के जरिए लोकेशन ट्रेस कर किसान पर जुर्माना लगाता है. जैसे ही हुकमावाली गांव में किसानों ने खेतों में पराली को आग लगाई तो अधिकारी लोकेश ट्रेस कर मौके पर पहुंचे. जब पटवारी ने किसानों का चालान करना चाहा तो किसानों ने पटवारी और उसके साथियों को बंधक बना लिया. किसानों ने कहा कि पराली को जलाना उनकी मजबूरी है, लेकिन सरकार उनकी मजबूरी का नाजायज फायदा उठा कर उनपर जुर्माना लगा रही है.

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किसानों ने इसकी सूचना किसान संघर्ष समिति के प्रदेश कन्वीनर मनदीप सिंह को दी. जिसके बाद मनदीप सिंह भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए. वहीं अधिकारियों ने इसकी सूचना एसडीम भारत भूषण कौशिक को दे दी. सूचना मिलने के बाद एसडीएम भारत भूषण कौशिक पुलिस टीम के साथ खेतों में पहुंच गए. एसडीएम ने किसानों को समझाया कि पराली को आग लगाना सरकार द्वारा बैन किया गया है और इससे प्रदूषण का भी नुकसान होता है, इसलिए पराली को आग ना लगाई जाए. एसडीम के समझाने के बाद किसानों ने कृषि अधिकारी राजपाल सिंह और पटवारी अभय सिंह और उनके साथियों को मुक्त कर दिया.

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