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फतेहाबाद: प्रशासन का आदेश पराली जलाने पर होगी कार्रवाई, किसानों ने किया प्रदर्शन

पराली जलाने को लेकर फतेहाबाद जिला प्रशासन की ओर से किसानों पर कानूनी कार्रवाई किए जाने के आदेश से किसानों में नराजगी है. उनका कहना है कि फतेहाबाद के डीसी ने किसानों पर पराली जलाने को लेकर कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया है, लेकिन डीसी ने पराली के निस्तारण की कोई योजना किसी किसान को नहीं बताई है.

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Published : Oct 12, 2019, 10:31 AM IST

फतेहाबाद: पराली जलाने को लेकर फतेहाबाद जिला प्रशासन की ओर से किसानों पर कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए जाने के बाद इलाके के किसान गुस्से में हैं. किसान संघर्ष समिति के पदाधिकारियों के साथ किसान लघु सचिवालय पहुंचे. जहां पराली के मुद्दे पर ज्ञापन सौंपने के लिए किसान डीसी ऑफिस पहुंचे. ऑफिस में डीसी नहीं मिले तो इसके बाद अन्य सीनियर अधिकारी की मालूमात किसानों ने की. जब अधिकारी नहीं मिले तो किसानों ने लघु सचिवालय गेट पर ज्ञापन कॉपी को जलाकर सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

किसानों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया, देखें वीडियो

'किसानों का कानून के डर दिखाया जा रहा है'

ज्ञापन जलाने के बाद मीडिया से बात करते हुए किसान संघर्ष समिति के संयोजक मनदीप सिंह ने कहा कि किसान पहले ही खेती पर महंगाई और लागत मूल्य कम मिलने से परेशान है और अब किसान को बिना सुविधा पराली के निस्तारण के लिए कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर दबाने का काम किया जा रहा है. मनदीप सिंह ने कहा कि पिछले साल सरकार ने किसानों की पराली खरीदने का वादा किया था लेकिन अब धरातल पर सरकार ने इस समस्या पर कोई काम नहीं किया.

'प्रशासन ने पराली निस्तारण की कोई योजना नहीं बनाई'

मनदीप सिंह ने कहा कि अब धान की फसल निकालने का समय आया है तो सरकार अपने सरकारी तंत्र के जरिए किसानों पर एफआईआर की धमकी दे रही है. उन्होंने कहा कि फतेहाबाद के डीसी ने किसानों पर पराली जलाने को लेकर कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया है लेकिन डीसी ने पराली के निस्तारण की कोई योजना किसी किसान को नहीं बताई है.

किसनों में नराजगी

मनदीप सिंह ने कहा कि आज पराली के मुद्दे और डीसी के किसानों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश पर आपत्ति के संबंध में डीसी को ज्ञापन सौंपने किसान लघु सचिवालय पहुंचे थे लेकिन यहां डीसी नहीं है और ना कोई अन्य सीनियर अधिकारी मौजूद है. ऐसे में किसानों ने ज्ञापन कॉपी को जलाकर अपना विरोध जताया है. 16 अक्टूबर को किसान एकत्रित होकर आंदोलन की आगामी रूपरेखा बनाएंगे और सरकार के तानाशाही रवैये के खिलाफ अपना विरोध जताएंगे.

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