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हरियाणा में देश की सबसे कम उम्र की बच्ची ने दी कोरोना को मात

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Published : Jun 7, 2021, 4:09 PM IST

फरीदाबाद में सबसे कम उम्र और सबसे कम वजन की बच्ची ने इलाज के बाद कोरोना को मात दे दी है. बताया जा रहा है कि जन्म के वक्त बच्ची की मां भी कोरोना पॉजिटिव थी और बच्ची की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी. बच्ची के ठीक होने के बाद उसका नाम वीरा रखा गया है.

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हरियाणा में देश की सबसे कम उम्र की बच्ची ने दी कोरोना को मात

फरीदाबाद: अभी तक आपने सबसे ज्यादा उम्र के व्यक्ति को कोरोना वायरस से ठीक होने की खबरें पढ़ी होंगी, लेकिन फरीदाबाद से एक ऐसा मामला सामने आया है जहां देश की सबसे कम उम्र की एक बच्ची कोरोना संक्रमण को हराकर चर्चा में आई है. ये बच्ची इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि ये देश में कोरोना से संक्रमित होने वाली सबसे कम उम्र और सबसे कम वजन की बच्ची है. अस्पताल में पैदा होने के बाद 31 दिनों तक इलाज कराने के बाद ये बच्ची अब घर पहुंच गई है और कोरोना को मात देने के बाद इस बच्ची का नाम वीरा रखा गया है.

मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाली और वर्तमान में फरीदाबाद के सेक्टर 28 के रहने वाली बच्ची की मां अंकिता को 1 मई को कोरोना संक्रमण के चलते एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बच्ची का जन्म भी इसी अस्पताल में हुआ था और जब वीरा का जन्म हुआ तो उसकी मां केवल 31 सप्ताह की प्रेगनेंसी ही पूरी कर पाई थी. बच्ची के जन्म के वक्त उसका वजन केवल 1 किलो 29 ग्राम था. वहीं बच्ची की मां पहले से ही कोरोना संक्रमित थी.

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वहीं अस्पताल की तरफ से पैदा होने के बाद बच्ची का कोरोना टेस्ट किया गया जिसके बाद उसकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई जिसके बाद डॉक्टर्स ने वीरा को वेंटिलेटर पर रखा. फिर चौथे दिन उसे वेंटिलेटर से एचएफएनसी(HFNC) पर शिफ्ट कर दिया गया. निजी अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहितेश श्रीवास्तव के अनुसार इलाज के दौरान बच्चे के फेफड़ों में निमोथोरासिक(Pneumothorax) (फेफड़े में छिद्र होने के बाद एयर का लीक होना) की भी समस्या हो गई. जिसके बाद इसका भी इलाज शुरू किया गया.

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जन्म के 5 दिन बाद बच्ची खुद सांस लेने में सक्षम हो गई और इसलिए उसका ऑक्सीजन सपोर्ट हटा दिया गया. ऑक्सीजन सपोर्ट हटने के बाद धीरे-धीरे बच्ची का वजन भी बढ़ने लगा. अगले 31 दिनों तक हॉस्पिटल में रखने के बाद बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया और जिस समय बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया उस समय बच्चे का वजन 1.83 किलोग्राम हो चुका था जिसके बाद अब बच्ची और उसकी मां पूरी तरह से ठीक है.

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