फरीदाबाद :खिलौने किसे पंसद नहीं है. बचपन में शायद ही कोई ऐसा हो, जिसने खिलौनों से खेला ना हो. लेकिन पहले के खिलौने और अभी के जमाने के खिलौने में बड़ा अंतर आ गया है. पहले के जमाने में हर हाथ में लकड़ी के खिलौने हुआ करते थे, लेकिन आज ऐसा नहीं है. आज तो प्लास्टिक के खिलौने ही हर जगह देखे जाते हैं और पैरेंट्स भी इन्हीं खिलौनों को तवज्जो देते हैं. लेकिन टाइम चेंज हो रहा है. प्लास्टिक से धरती को पहुंचते नुकसान को लेकर जहां सरकारें सख्त हो रही है तो लोग भी जागरुक हो रहे हैं.
दिवाली मेले में वूड टॉयज़ का स्टॉल :सूरजकुंड मेला ग्राउंड पर दिवाली उत्सव मेला चल रहा है, जिसमें एक से बढ़कर एक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में एक स्टॉल लगा है वूड टॉयज़ का, जो यहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. ये वूड टॉयज़ का स्टॉल लगाया है यूपी के सहारनपुर से आए रहमान ने. बड़ी तादाद में लोग भी लकड़ी के खिलौने देखते हुए इस स्टॉल पर पहुंच रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम भी इस स्टॉल पर पहुंची और रहमान से वूड टॉयज़ और लोगों की पसंद पर बातचीत की. रहमान ने बताया कि उन्हें ये कला विरासत में मिली है. उनके दादा और पिता भी लकड़ियों से सामान बनाया करते थे. ऐसे में रहमान ने उनकी कला को ज़िंदा रखते हुए लकड़ी से बच्चों के खिलौने बनाने का फैसला लिया. खिलौने बनाते-बनाते रहमान ने और भी लोगों को अपने साथ जोड़ लिया है और अब लकड़ी से बाकी कलाकृतियां भी बनाते हैं.