फरीदाबाद: महाशिवरात्रि 2023 को लेकर शिवजी के भक्तों पहले से ही खासा उत्साहित हैं. शिवजी के भक्त महाशिवरात्रि का पूरे साल इंतजार करते हैं. इस बार 18 मार्च को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी. भोले को प्रसन्न करने के लिए भक्तों की मंदिरों में लंबी कतारें लगी नजर आती हैं. इस बार महाशिवरात्रि का पर्व कुछ खास रहने वाला है. लगभग 50 साल बाद ऐसी तिथि में महाशिवरात्रि है, जिसका संयोग कई वर्षों में बनता है.
क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि?: ईटीवी भारत से बातचीत में महंत मुनिराज ने बताया कि वैसे तीन रात्रि होती है. मोह रात्रि, कालरात्रि और महाशिवरात्रि. मोह रात्रि वह रात्रि है जो हर दिन के बाद रात्रि आती है, उसे मोह रात्रि कहते हैं. कालरात्रि एक ही बार आती है, लेकिन महाशिवरात्रि की बात करें तो महाशिवरात्रि में महा कल्याण होता है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव का विवाह महोत्सव मनाया जाता है.
महाशिवरात्रि पर 50 वर्षों बाद महासंयोग: ऐसे में महाशिवरात्रि 2023 में कोई भी काम किया जाए तो कल्याणकारी होता है. इस बार महाशिवरात्रि प्रदोष काल में होगी. प्रदोष काल अपने में ही बहुत ही ज्यादा सिद्धि मुहूर्त और सिद्ध पूजन का समय होता है. जिसका संयोग कई वर्षों बाद बनता है. लगभग 50 वर्षों बाद इस बार महाशिवरात्रि का संयोग प्रदोष काल में बन रहा है. ऐसे में कह सकते हैं कि इस बार का महाशिवरात्रि भक्तों के लिए ज्यादा ही हितकारी होगा. जो सच्चे मन से भोले बाबा की पूजा करेंगे उनके लिए फलदायी सिद्ध होगा.