फरीदाबाद: कोरोना के कारण पहले लॉकडाउन लगा और अब अनलॉक का दौरा शुरू हो चुका है. धीरे-धीरे व्यवसाय खुल रहे हैं और अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने की कोशिश जारी है, लेकिन किराने की दुकान और होलसेल विक्रेताओं की हालत अभी भी खराब है. अनलॉक के बाद उनकी बिक्री मात्र 20 प्रतिशत रह गई है. होलसेल विक्रेताओं का मानना है कि आर्थिक मंदी से उबरने के लिए उन्हें कम से कम एक साल लग सकता है.
आपको बता दें कि परचून के सामान की बिक्री जिसमें आटा, दाल, चावल, मिर्च, मसाले और खाने-पीने के दूसरे आइटम आते हैं उनकी बिक्री केवल 20% ही रह गई है. इसकी वजह ये है की पहले बाहर के जो मजदूर फरीदाबाद में काम कर रहे थे वो अपने घरों को लौट गए हैं और उनमें से बहुत ही कम संख्या में मजदूर वापस आए हैं.
थोक विक्रेताओं का कहना है की कंपनियों में काम करने वाले मजदूर भारी मात्रा में सामान उठाकर लेकर जाते थे. जिससे उनकी सेल अच्छी होती थी, लेकिन अब मजदूर ही नहीं है तो सेल भी नहीं हो रही है. लोगों के पास पैसे की कमी है. ऐसे में लोग बहुत ही कम मात्रा में सामान खरीद रहे हैं.