फरीदाबाद:दो साल पहलेफरीदाबाद नगर निगम में हुए बहुचर्चित 200 करोड़ रुपये के घोटाले का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. घोटाले के इस बार सुर्खियों में आने की वजह यह है कि इस मामले में दो अधिकारियों का निलंबन हुआ है. जिन दो अधिकारियों का निलंबन हुआ है उनमें नगर निगम के चीफ इंजीनियर रहे डीआर भास्कर और एक्सईएन रमन शर्मा का नाम शामिल है. अर्बन लोकल बॉडी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अरुण गुप्ता ने दोनों अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी किया है. डीआर भास्कर वर्तमान में अर्बन लोकल बॉडी चंडीगढ़ में तैनात है जबकि रमन शर्मा हिसार नगर निगम में चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं.
स्टेट विजिलेंस द्वारा 50 करोड़ रुपये के बिलों के भुगतान करने को लेकर इस मामले के मुख्य आरोपी सतवीर ठेकेदार के बयान पर चीफ इंजीनियर डीआर भास्कर और एक्सईएन रमन शर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ है. इसके अलावा अदालत के द्वारा दोनों की गिरफ्तारी के वारंट भी जारी हो चुके हैं.
कैसे हुआ था घोटाले का खुलासा - यह घोटाला मई 2020 में उजागर हुआ था. फरीदाबाद नगर निगम के चार पार्षदों ने तत्कालीन निगम आयुक्त को शिकायत दी थी कि निगम के लेखा विभाग ने ठेकेदार सतबीर की विभिन्न फर्मों को बिना काम किए भुगतान कर दिया है. निगम आयुक्त ने पहले अपने स्तर पर मामले की जांच कराई. ठेकेदार को भुगतान में अनियमितताएं पाए जाने पर उन्होंने विजिलेंस से जांच की सिफारिश की.