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सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का हुआ समापन, केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने शिल्पकारों को किया सम्मानित

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Published : Apr 4, 2022, 10:10 PM IST

35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले (Surajkund International Crafts Mela 2022) का समापन केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर के द्वारा किया गया. समापन के मौके पर विभिन्न शिल्पकारों को पुरस्कृत भी किया गया.

Surajkund Mela 2022 concluded
Surajkund Mela 2022 concluded

फरीदाबाद:सोमवार को 35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले (Surajkund International Crafts Mela 2022) का समापन केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर के द्वारा किया गया. 19 मार्च से 35वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले शुरू हुआ था जिसका आज विधिवत रूप से समापन किया गया. समापन के मौके पर विभिन्न कलाओं के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कलाकारों को केंद्रीय पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी और हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर के द्वारा स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया.

मुख्य अतिथि ने कई राज्यों के आठ-आठ कलाकारों को कलामणि, कलानिधि और कलाश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया. उन्होंने कर्नाटक की शिल्पकार लक्ष्मी को वुड लैकर वेयर, उत्तरप्रदेश के खलील अहमद को कारपेट, उडीसा से पंकज कुमार साहु को सिल्वर फिलिग्री, पश्चिमी बंगाल से पालतु बैश्या को गन्ना और बांस क्षेत्र में, जम्मू कश्मीर राज्य से निधि शर्मा को किश्तवार, तेलांगना से पी. वेणुगोपाल को साड़ी, उतरप्रदेश से सलमान अहमद को लकड़ी की कलाकृति और उडीसा से बिरंची नारायण बेहरा को पत्तियों की कलाकृति में कलाश्री पुरस्कार से सम्मानित किया.

केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने शिल्पकारों को किया सम्मानित

अपने संबोधन में केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जो सभी के साथ बेहतर रिश्ते रखना चाहता है, लेकिन कुछ देश इस साजिश में लगे हुए हैं कि वह भारत के साथ किसी के रिश्ते बेहतर ना होने दें. पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसके साथ जब भी शांति बहाल करने की कोशिश की गई है हमेशा उसने पीठ में खंजर घोपा है और यही वजह है कि सूरजकुंड जैसे अंतरराष्ट्रीय मेले में पाकिस्तान जैसे देश को नहीं बुलाया जाता है.

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उन्होंने कहा कि जो भी देश भारत के खिलाफ साजिश रचेगा भारत में उसके लिए कोई जगह नहीं है. सूरजकुंड मेले में जितनी भी देशों ने भाग लिया है सभी देशों से उनके बेहतर रिश्ते हैं और सभी की संस्कृति भारत के लिए सम्मानजनक है. गौरतलब है कि कोरोना के चलते वर्ष 2021 में मेला नहीं लग पाया था. जिसके बाद वर्ष 2022 में मेले को फिर से लगाने की कवायद शुरू की गई. लोगों को लग रहा था कि फरवरी के महीने में सूरजकुंड का मेला एक बार जरूर लगाया जाएगा, लेकिन दिसंबर के महीने में ही ओमीक्रोन के लगातार बढ़ते मामलों के चलते सरकार को मेले पर एक बार फिर से रोक लगानी पड़ी और फरवरी में मेला आयोजित नहीं हो पाया. इस बार इस मेले को पहली बार मार्च के महीने से शुरू किया गया जिसका आज समापन हो गया.

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