फरीदाबाद:हरियाणा के जिला फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में नेशनल हाईवे पर फलों की रेहड़ी लगाने वाले व्यक्ति के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. दरअसल, रेहड़ी लगाने वाले व्यक्ति के परिजनों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने रेहड़ी वाले की बुरी तरह से पिटाई कर दी. उन्होंने बताया कि पुलिस ने उसे तब तक मारा जब तक उसकी तड़प-तड़प कर मौत नहीं हो गई. जी हां, परिजनों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने रेहड़ी वाले की पिटाई कर उसे मौत की नींद सुला दिया. हालांकि इस मामले में फरीदाबाद पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह का कहना है कि बीती रात बल्लभगढ़ बस स्टैंड चौकी इलाके में एक रेहड़ी वाले की मौत हुई है. पुलिस अभी इस मामले में जांच कर रही है.
क्या है मामला: मृत व्यक्ति के बेटे धर्मवीर ने बताया कि बीते शुक्रवार को पिताजी ने फलों की रेहड़ी लगाई थी. उस समय धर्मवीर भी वहीं पर मौजूद था और कस्टमरों को केले बेच रहा था. उसने बताया कि उसी दौरान वहां पर पुलिसकर्मी आया और केले उठाकर पब्लिक में बांटने लग गया. जिसके बाद उसने धर्मवीर के पिता को धक्का दे दिया और वो जमीन पर जा गिरा. जिसके बाद पुलिस वालों ने उसे लाठी-डंडों से मारना शुरू कर दिया. इसके बाद दूसरा पुलिसकर्मी आया और रेहड़ी वाले को उठाकर थाने ले गए.
परिजनों ने पुलिसकर्मी पर लगाया हत्या का आरोप: धर्मवीर का आरोप है कि उसके पिताजी पुलिस स्टेशन में अच्छे खासे गए थे. लेकिन तीन घंटे बाद जब उन्हें छोड़ा गया, तो उनकी हालत इतनी नाजुक थी कि वो अपने पैरों पर खड़े तक नहीं पा रहे थे. धर्मवीर ने अपनी माताजी इस बात की सूचना दी, जिसके बाद उसकी माताजी पुलिस स्टेशन गई तो वहां पर उनकी एक न सुनी. धर्मवीर की माताजी और भाई को पुलिस ने वहां से भगा दिया. धर्मवीर का आरोप है कि पुलिस वालों ने कहा कि उसके पिताजी को पुलिस ने फरीदाबाद में नीमका जेल में भेजने की बात कही.
परिजनों से भी मारपीट का आरोप:इसके बाद धर्मवीर की मां दूसरी बार पुलिस स्टेशन पहुंची. तब भी उसे वहां से भगा दिया. किसी भी पुलिस वाले ने उसकी मां की एक ना सुनी. ना ही उनके पिताजी को थाने से छोड़ा गया. जिसके बाद तीसरी बार में पुलिस वाले खुद हाथ जोड़ के कहने लगे कि इसे यहां से ले जाओ. उस वक्त उसके पिताजी चलने की हालत में नहीं थे. वो पैर पर खड़े भी नहीं हो पा रहे थे और बेसुध हालत में थे. उसके बाद धर्मवीर की मां और भाई पीड़ित को अस्पताल ले जाने लगे, आरोप है कि उस दौरान पुलिसवालों ने उसके भाई के साथ भी मारपीट की. अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टर ने कहा कि किसी पुलिस वाले को यहां लेकर आइए. धर्मवीर का आरोप है कि पुलिसवालों को बुलाया गया. लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी आने को तैयार नहीं था.