फरीदाबाद: सनातन धर्म में हर देवी-देवताओं का अलग महत्व है और ऐसे में भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की भी पूजा का विशेष महत्व रहता है. कार्तिकेय की पूजा हर माह की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी का व्रत पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत करने से घर के सारे कष्ट, विकार, क्लेश दूर हो हो जाते हैं साथ ही सुख समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
महंत मुनिराज ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिकेय भगवान का व्रत ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है. इस महीने यह व्रत गुरुवार, 25 मई को है. इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ भगवान कार्तिकेय की पूजा अर्चना की जाती है. इस दिन विधि-विधान से भगवान की पूजा करने से सारे समस्याओं का समाधान होता है और भगवान की कृपा भक्तों पर बरसती है.
पूजा और व्रत का शुभ मुहूर्त: हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 25 मई 2023 यानी गुरुवार को सुबह 3 बजकर 1 मिनट से होगी जो 26 मई 2023 को सुबह 5 बजकर 20 मिनट पर समाप्त होगी. यही वजह है कि ज्येष्ठ माह में स्कंद षष्ठी का व्रत 25 मई को रखा जाएगा. इसी दिन भगवान कार्तिक की पूजा अर्चना की जाएगी.