फरीदाबादःहरियाणा में आज सरकारी और निजी स्कूलों को पूरी तरह से खोल दिया गया है. हालांकि प्रशासन द्वारा स्कूलों के खुलने से पहले ही एसओपी भी जारी कर दी गई थी. लेकिन उसके बावजूद अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं हैं. ईटीवी भारत ने इन अभिभावकों से बातचीत की और जानने की कोशिश की कि आखिर ऐसी कौन-कौन-सी समस्याएं हैं, जिसके चलते वो अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते.
अभिभावक नहीं हैं राजी
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अभिभावकों ने बताया कि वो अपने बच्चों की जान को दांव पर नहीं लगा सकते. जिस तरह से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं उसमें बच्चों का सुरक्षित रहना मुश्किल होगा. उनका कहना है कि बच्चे छोटे हैं ऐसे में वो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक से नहीं कर पाएंगे. अभिभावकों का कहना है कि कोरोना का प्रकोप अभी थमा नहीं है, ऐसे में ऑनलाइन क्लासेज ही पढ़ाई का बेहतर विकल्प है.
बच्चों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
फरीदाबाद में अभिभावक ही नहीं कुछ बच्चे भी स्कूल खुलने से डरे हुए दिखाई दिए हैं. चेतना कक्षा आठवीं के छात्र का कनहा है कि वो भले ही एक साल तक स्कूल नहीं जाएंगे तो चलेगा लेकिन कोरोना के बीच वो अपनी लाइफ रिस्क में नहीं डाल सकते. वहीं कुछ बच्चों के अलग ही रिएक्शन देखे गए. कक्षा सातवीं की छात्रा यशस्वी ने कहा कि वो स्कूल वापस जाकर पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद और अपनी डेली रूटीन लाइफ को लेकर काफी एक्साइटेड हैं.