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कोरोना काल में रेस्टोरेंट कारोबार ठप, अब ऑनलाइन डिलीवरी बनी फूडीज का सहारा!

औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की आबादी 24 लाख के करीब है और यहां छोटे-बड़े मिलाकर करीब 1300 रेस्टोरेंट है. जिनमें से भी 200 बंद हो चुके हैं क्योंकि यहां ना तो काम करने लिए स्टाफ है और ना ही रेस्टोरेंट में आने वाले लोग हैं.

restaurants reopened with changes and precautions during unlock 4 in faridabad
कोरोना काल में रेस्टोरेंट कारोबार ठप, अब ऑनलाइन डिलीवरी बना फूडीज का सहारा!

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Published : Sep 3, 2020, 8:22 PM IST

फरीदाबादः कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को लेकर कई आशंकाएं खड़ी कर दी हैं. हर सैक्टर की तरह महामारी का रेस्टोरेंट इंडस्ट्री पर काफी बुरा असर पड़ा है. हालांकि अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान कई राज्यों में रेस्टोरेंट को खुलने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन संक्रमण के डर से लोग रेस्टोरेंट ही नहीं जा रहे हैं. जिसके चलते रेस्टोरेंट मालिकों को करोड़ों रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ा है.

कोरोना काल में रेस्टोरेंट कारोबार ठप, अब ऑनलाइन डिलीवरी बना फूडीज का सहारा!

बंद हुए 200 रेस्टोरेंट

औद्योगिक नगरी फरीदाबाद की आबादी 24 लाख के करीब है और यहां छोटे-बड़े मिलाकर करीब 1300 रेस्टोरेंट है. जिनमें से भी 200 बंद हो चुके हैं क्योंकि यहां ना तो काम करने लिए स्टाफ है और ना ही रेस्टोरेंट में आने वाले लोग हैं. बता दें कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के चलते लोग काम छोड़कर अपने घर लौट गए. वहीं कुछ जगहों पर कमाई ना होने के चलते लोगों को ही नौकरी से हटा दिया गया. यही कारण है कि रेस्टोरेंट में अब ग्राहकों को मिलने वाले मेन्यू भी बदल चूके हैं क्योंकि खाना बनाने के लिए लोग ही नहीं है.

ऑनलाइन डिलवरी के सहारे रेस्टोरेंट!

कोरोना महामारी के चलते लोगों ने बाहर ना जाकर घर पर ऑनलाइन खाना डिलीवरी करना मुनासिब समझा. जिसके चलते हालात ऐसे हुए कि रेस्टोरेंट मालिकों को ऑनलाइन डिलवरी का काम शुरू करना पड़ा और उनके काम करने का तरीका पूरी तरह बदल गया. रेस्टोरेंट मालिक अनिल कुमार बताते हैं कि कोरोना महामारी से पहले और बाद में काफी बदलाव आया है. पहले उनकी दुकान पर ग्राहकों की भीड़ लगी रहती थी, लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है तब दुकान पर भी ताला लग गया है. जिसके चलते अब उनका रेस्टोरेंट ऑनलाइन डिलीवरी के सहारे ही चल रहा है.

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कब पटरी पर लौटेगा धंधा?

एक रिपोर्ट में के मुताबिक, अभी सिर्फ 17% रेस्टोरेंट बिजनेस के लिए खुले हैं. हालांकि, इनमें भी कम ही लोग आ रहे हैं. वहीं, 83% रेस्टोरेंट अभी बिजनेस के लिए खुले नहीं हैं. इसमें से भी 10% रेस्टोरेंट हमेशा के लिए बंद हो गए हैं और बाकी 43% रेस्टोरेंट जो अभी बंद हैं, उनकी हालात बेहतर होने पर खुलने की उम्मीद है. हरियाणा टूरिज्म के रि. जनरल मैनेजर शीतल दास प्रसाद का कहना है कि जिस रफ्तार से अभी रेस्टोरेंट्स चल रहे हैं उसे देखकर लगता है कि अक्टूबर तक 50 फीसदी रेस्टोरेंट पटरी पर लौट जाएंगे.

80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया का अनुमान है कि उसके 5 लाख सदस्यों को साल 2020 में 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है और अब क्योंकि कोरोना के वक्त में ऑनलाइन डिलीवरी का सहारा रेस्टोरेंट को लेना पड़ रहा है तो खर्च भी बढ़ गया है. ऐसे में पहले से ही वित्तीय मार झेल रहे होटल मालिकों के लिए धंधे को पटरी पर लाना एक बड़ी चुनौति से कम नहीं है.

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