फरीदाबाद: 35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले (Surajkund Mela in Faridabad) में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए कलाकार अपनी कलाकारियां दिखाकर लोगों का मन मोह रहे है. ऐसे में पश्चिम बंगाल से आए हस्तशिल्पी की शिल्पकारी देखकर लोग उसके कायल हुए जा रहे है. साथ ही हैरानी से आंखे भी खुली की खुली रह गई है. दरअसल पश्चिम बंगाल से आए हस्तशिल्पी कला में कलाकारों ने पश्चिम बंगाल की मसलैंड चटाई, जिसे दांतो से मधुरकाठी (घास) को बारीक करके (masland mat art) 6 महीने में उत्पाद तैयार किया है. इसके लिए उन्हें हस्तशिल्प में नेशनल अवार्ड भी मिल चुका है.
वेस्ट बंगाल के रहने वाले तपस कुमार मसलैंड आर्ट में महारत हासिल कर चुके हैं. इसको लेकर उनको नेशनल स्तर पर अवार्ड भी दिया जा चुका है. इस आर्ट में बंगाल में होने वाली मधुरकाठी (घास) विभिन्न प्रकार के घरों के सामान तैयार किए जाते हैं. जिसमें चटाई, पर्दे सहित दूसरा सामान है. शिल्पकार तपस कुमार ने बताया कि साल में दो बार यह घास होती है. पहले इसको खेतों से काट कर लाते ही सुखाया जाता है. जिसके बाद चाकू की सहायता से इसको बारीक किया जाता है, लेकिन जब चाकू का काम खत्म हो जाता है, तो इसको बारीक से बारीक करने के लिए दातों का सहारा लिया जाता है. इस कलाकारी को मसलैंड मेट (masland mat of West Bengal handicrafts) कहा जाता है.
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