protest against valentine day in haryana फरीदाबाद: दुनिया भर में आज वैलेंटाइन डे मनाया जा रहा है. एक तरफ लोग इस दिन प्यार का इजहार करते हैं, तो कुछ इसका विरोध करते हैं. फरीदाबाद में महंत मुनिराज ने भी वैलेंटाइन डे का विरोध किया है. उन्होंने वैलेंटाइन डे की तुलना लवजिहाद से कर दी. महंत मुनिराज ने वैलेंटाइन डे पर कहा कि वैलेंटाइन डे हमें (हिंदू धर्म के लोगों को) नहीं मानना चाहिए. जहां माता पिता बच्चों का भविष्य तय करते हैं. बच्चे को वहीं अपना भविष्य देखना चाहिए.
उन्होंने कहा कि आज बच्चे माता-पिता को बिना बताए विदेशी प्रणाली को अपनाते जा रहे हैं. जिसका पछतावा बच्चों को बाद में होता है. इससे मां-बाप की बदनामी भी होती है, इसका फायदा विदेशी अपनाते हैं, क्योंकि ये प्रचलन विदेशों में है. जिसका शिकार अब यहां कर बच्चे भी होते जा रहे हैं. जो संस्कार विहीन बच्चे होते हैं. वही इस को मनाते हैं, हमारे देश की संस्कृति को मानने वाले बच्चे इसको नहीं मनाते. वो माता-पिता के आदेशों का पालन करते हैं.
महंत ने कहा कि हमारे देश की लड़कियां बहुत भोली होती हैं. वो जल्दी बहक जाती हैं, लेकिन सच्चाई तो ये है कि वास्तविक रूप से लड़कियां स्थिर नहीं रहती. इसके बाद महंत ने कहा कि लव जिहाद इसी का दूसरा रूप है, इसीलिए इस संस्कृति को हम स्वीकार नहीं करेंगे और ना ही हम इसको स्वीकृति देंगे.
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क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे? ऐसा माना जाता है कि रोम के राजा क्लाउडियस प्यार के सख्त खिलाफ थे. राजा का मानना था कि अगर सैनिक प्यार करने लगे, तो रोम की सेना कमजोर हो जाएगी. इसी वजह से राजा ने सैनिकों के शादी करने पर रोक लगा दी. वहीं दूसरी तरफ कुछ संत वैलेंटाइन प्यार का प्रचार करने लगे. इतना ही नहीं उन्होंने राजा के खिलाफ जाकर कई लोगों की शादियां करवाई. जिसकी वजह से रोम के राजा ने संत वैलेंटाइन को 14 फरवरी को फांसी पर चढ़ा दिया. जिसके बाद से इसी दिन यानी 14 फरवरी को रोम समेत दुनियाभर में वैलेंटाइन डे मनाया जाने लगा.