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फरीदाबाद के कार्तिक ने हरियाणा ज्यूडिशियल सर्विस बीसीए कैटेगरी में किया टॉप, जानिए उनकी सफलता के मंत्र

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Published : Oct 20, 2022, 8:10 PM IST

Updated : Oct 20, 2022, 8:36 PM IST

फरीदाबाद के कार्तिक शर्मा ने हरियाणा ज्यूडिशियल सर्विस की बीसीए कैटेगरी में टॉप किया है. कार्तिक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के साथ ही ताऊ और पिता के दोस्त को दिया है. कार्तिक ने कहा कि उनके पिता का सपना था कि वह जज बने. 24 साल की उम्र में जज बनने वाले कार्तिक ने ईटीवी भारत से बातचीत की.

फरीदाबाद के कार्तिक शर्मा बने जज
फरीदाबाद के कार्तिक शर्मा बने जज

फरीदाबाद:हरियाणा के फरीदाबाद के रहने वाले 24 साल के कार्तिक शर्मा ने जज बनकर इतिहास रच दिया है. फरीदाबाद की गांधी कॉलोनी के रहने वाले कार्तिक शर्मा ने हरियाणा ज्यूडिशियल एग्जाम (बीसीए कैटेगरी) में प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल (Haryana Judicial Service) किया है. आज हर तरफ कार्तिक शर्मा की तारीफ हो रही है. उन्होंने सिद्ध कर दिया है कि जहां चाह होती है वहीं राह भी है.

कार्तिक शर्मा ने 12वीं तक की पढ़ाई फरीदाबाद में की है. उसके बाद उन्होंने गुरुग्राम स्थित लॉ कॉलेज में एडमिशन लिया जहां से उन्होंने एलएलबी किया है. उसके बाद दिल्ली से उन्होंने LLM की पढ़ाई (Karthik sharma becomes judge in Faridabad) की. कार्तिक बताते हैं कि उनके पिता दिनेश शर्मा भी पेशे से एक वकील थे. जिनका जून 2022 में स्वर्गवास हो गया. पिता की मौत के बाद से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. घर में कमाने वाले सिर्फ कार्तिक शर्मा के पिता थे. इन सब से जूझते हुए कार्तिक ने कभी हार नहीं मानी और यही वजह है कि अब जज बनकर उन्होंने मिसाल पेश की है.

हरियाणा जुडिशल सर्विस की बीसीए कैटेगरी में कार्तिक बने टॉपर

कार्तिक शर्मा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बचपन से ही उनके पिता उन्हें जज के रूप में देखना चाहते थे. आज उनके पिता का सपना पूरा हो गया है. कार्तिक ने कहा कि पिताजी मेरे साथ नहीं है लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा साथ है. उन्होंने बताया कि पिताजी एक चिट्ठी छोड़कर चले गए थे जिसमें लिखा था कि अगर मुझे कुछ होता है तो आप किसी भी तरह की मदद अपने ताऊ महेश शर्मा और मेरे मित्र वकील कुणाल कांत शर्मा से ले लेना. यही वजह है कि कुणाल कांत शर्मा और उनके ताऊ महेश शर्मा ने हमेशा उनका सपोर्ट किया.

परिवार और दोस्तों के साथ कार्तिक.

कार्तिक के ताऊ महेश शर्मा बताते हैं कि उन्होंने हमेशा अपने बच्चे की तरह कार्तिक को पाला है. आज भाई की बहुत याद आ रही है. मेरे भाई का सपना था कि कार्तिक जज बने. आज मैं बहुत खुश हूं. कार्तिक के पिता के मित्र कुणाल कांत शर्मा बताते हैं कि कार्तिक के पिताजी बहुत अच्छे मित्र थे. जब भी कार्तिक कहीं एग्जाम देने जाता था तो उसके पिताजी साथ जाते थे. वह हमेशा से ही कार्तिक के लिए सपना देखते थे कि उनका बेटा जज बने, आज उनका सपना पूरा हुआ है.

कार्तिक के बचपन के दोस्त बताते हैं कि कार्तिक पढ़ने में अच्छा था. हम पांच फ्रेंड हैं. सबका अलग-अलग लक्ष्य है. लेकिन हम हमेशा साथ रहे और यही वजह है कि कार्तिक आज जज बन गया. वहीं कार्तिक के एक दोस्त का सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ है. बाकी के तीन दोस्त अभी भी अलग-अलग क्षेत्र में तैयारी कर रहे हैं.

पिता का था सपना बेटा जज बने.

कार्तिक मिडिल क्लास फैमिली से संबंध रखते हैं. कार्तिक की पढ़ने में पहले से ही दिलचस्पी थी. लॉकडाउन के दौरान कार्तिक ने अपने घर में ही तैयारी की. उन्होंने फरीदाबाद बार एसोसिएशन से अपना लाइसेंस भी लिया था. दो-तीन दिन प्रैक्टिस के लिए भी गए. उसके बाद हरियाणा ज्यूडिशियल सर्विस का रिजल्ट (Haryana Judicial Exam) आ गया. कार्तिक की एक बड़ी बहन भी है जो पीएचडी कर रही है. उनकी मां हाउसवाइफ हैं. कार्तिक अपने खानदान में जज बनने वाले पहले व्यक्ति हैं.

Last Updated : Oct 20, 2022, 8:36 PM IST

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