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दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट अधूरा, नहीं मिल रही है खाली जगह

एचएसवीपी के अधिकारियों ने एनएचएआई अधिकारियों के साथ बैठक कर दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के डिजाइन की दोबारा जानकारी ली.

HSVP could not provide 70 meter wide space delays in Delhi-Vadodara-Mumbai Expressway project
दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट अधुरा, नहीं मिल रही है खाली जगह

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Published : Feb 4, 2021, 11:21 AM IST

फरीदाबाद: बुधवार को भी एचएसवीपी के अधिकारियों ने एनएचएआई अधिकारियों के साथ बैठक कर दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट के डिजाइन की दोबारा जानकारी ली. हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की तमाम प्रयासों के बाद भी दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में देरी हो रही है.

इसका मुख्य कारण एचएसवीपी की जमीन पर अवैध अतिक्रमण का होना बताया जा रहा है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के कई बार पत्र लिखने के बाद भी एचएसवीपी 70 मीटर चौड़ी जगह खाली उपलब्ध नहीं करवा पाया है.

एचएसवीपी ने अवैध कब्जा हटाने के नाम पर पिछले दिनों ग्रीन बेल्ट में लगे सैकड़ों पेड़ों की बलि भी चढ़ा दी थी. आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई को जोड़ने के लिए दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे की योजना बनाई थी.

अप्रैल 2018 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी घोषणा की थी कि दिल्ली से मुंबई तक करीब करीब 1250 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे दिल्ली में डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होगा.

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यहां यमुना नदी के किनारे बसे ओखला को पार करता हुआ कालिंदी कुंज पर जुड़ेगा. इसके बाद आगरा कैनाल के साथ-साथ सेक्टर-37 श्मशान घाट के पास आकर बाईपास रोड से जुड़ जाएगा. कैल गांव के पास एक्सप्रेस-वे राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करेगा और सोहना पहुंचेगा और केएमपी से जुड़ेगा और वहां से मुंबई व वडोदरा एक्सप्रेस-वे से जोड़ दिया जाएगा. फरीदाबाद सीमा में 60 किमी लंबा यह प्रोजेक्ट दिल्ली बार्डर से सोहना तक होकर गुजरेगा.

एनएचएआई अधिकारियों का कहना है कि एक्सप्रेस वे फरीदाबाद बाईपास होते हुए गुड़गांव के सोहना से होकर गुजरेगा. हरियाणा में इस एक्सप्रेस-वे का 80 किलोमीटर लंबा हिस्सा पड़ता है. 60 किमी. लंबा ये हाईवे फरीदाबाद की सीमा में पड़ेगा. इस प्रोजेक्ट पर करीब छह हजार करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. काम शुरू होने पर तीन साल के अंदर प्रोजेक्ट पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।

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एनएचएआई के प्रोजेक्ट अधिकारी धीरज सिंह का कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं और काम करने वाली एजेंसी का भी चयन हो गया है. लेकिन अभी उन्हें फरीदाबाद की सीमा में जमीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है. अधिकारियों का कहना है कि बाईपास रोड पर एचएसवीपी की जमीन है. एनएचएआई को 70 मीटर चौड़ी जगह की जरूरत है लेकिन अवैध निर्माण होने के चलते जगह खाली नहीं मिल रही है.

बुधवार को एचएसवीपी प्रशासक प्रदीप दहिया ने एनएचएआई अधिकारियों के साथ बैठक कर हाईवे के डिजाइन की समीक्षा की, लेकिन जमीन कब तक उपलब्ध हो पाएगी इस पर कोई निर्णय नहीं हो पाया. जिन जगहों पर अतिक्रमण बचा हुआ है उसे भी जल्द ही हटवा दिया जाएगा. दहिया का कहना है कि 15 फरवरी तक अभियान चलाकर अवैध निर्माण हटा दिया जाएगा.

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