फरीदाबाद:सर्दियां बढ़ते ही हरियाणा में अचानक हार्ट अटैक से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. गर्मियों के मौसम में जहां उनकी ओपीडी केवल 30 फीसदी हार्ट अटैक के मरीजों की रहती थी. वह संख्या अब बढ़कर 70 फीसदी पहुंच गई है. हार्ट अटैक के मरीजों में नौजवान युवा भारी संख्या (heart attack case increase in youth in haryana) में शामिल हैं. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि सर्दियों के मौसम में नशे सिकुड़ जाती हैं और हार्ट को पंप करने के लिए ज्यादा मेहनत करने की आवश्यकता होती है ऐसे में शरीर में रक्त का संचार भी प्रभावित होता है और रक्त का संचार प्रभावित हो जाने से हार्ट अटैक की ज्यादा संभावना रहती है
फरीदाबाद के बादशाह खान अस्पताल के हृदय रोग विभाग के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर गुंजन गर्ग ने बताया कि सर्दियों के बढ़ जाने से हार्ट अटैक के मरीजों की संख्या भी तेजी के साथ बड़ी है. उन्होंने बताया कि वह भारी संख्या में रोजाना हार्ट के मरीज देख रहे हैं और इनमें से कुछ मरीज उनके पास समय रहते पहुंच रहे हैं तो कुछ को आने में देरी हो रही है. लगभग सभी हार्ट के मरीजों को सीने में दर्द की दिक्कत सामने आ रही है. उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के लक्षणों को नजरअंदाज करने की बजाय उन पर ध्यान देना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर आपको सांस लेने में दिक्कत, एकदम से पसीना आना, कमर और कंधे या जबड़े में दर्द, तो आपको बेहद सावधानी बरतने (precautions in heart attack) की जरूरत है.
किन लोगों को है हार्ट अटैक का खतरा: डॉक्टर गुंजन गर्ग ने बताया कि डायबिटिक पेशेंट को विशेष ध्यान रखने की जरूरत है. डायबीटिक पेशेंट को दर्द साइलेंट होता है, ऐसे में इन पेशेंट को यही नहीं पता होता कि उन को हार्ट अटैक आ रहा है क्योंकि उनको किसी प्रकार का कोई दर्द महसूस नहीं होता. उन्होंने बताया कि हार्ट अटैक के मामलों में नौजवान भी भारी संख्या में सामने आ रहे हैं. जिसका मुख्य कारण धूम्रपान करना है, क्योंकि वातावरण पहले से ही प्रदूषित चल रहा है. ऐसे में धूम्रपान करना सेहत के लिए और भी ज्यादा हानिकारक है. उन्होंने कहा कि जीवन शैली में बदलाव करके हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है. साथ ही सर्दियों के मौसम में जिन लोगों को हार्ट की संबंधित समस्या है उनको बेहद ध्यान देने की आवश्यकता है.
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हार्ट अटैक से कैसे बचें:डॉक्टर गुंजन ने कहा कि जिन लोगों को हार्ट संबंधी समस्या हो चुकी है. वह लोग सर्दी के मौसम में बिना कपड़े के बाहर ना निकले और सुबह बाहर के लिए जाते समय यह ध्यान रखें कि वह पूरी तरह से कपड़े से कवर हो. मुमकिन हो तो सूरज निकलने के बाद वह बाहर घूमने के लिए निकले. लोगों को अपने खानपान में बदलाव करने की बेहद आवश्यकता है. किसी भी प्रकार का तला हुआ या अनावश्यक खाना खाने से बचा जाए. केवल सेहत के लिए लाभदायक खाना ही खाया जाए ताकि हमारे शरीर का रक्त संचार अच्छे से होता रहे.
डॉक्टर गुंजन ने सलाह दी कि घर के खाने में भी घी और तेल की मात्रा को कम रखा जाए, जिन लोगों का हार्ट पहले से ही कमजोर है उन लोगों को पानी पीते समय भी बेहद ध्यान देने की आवश्यकता है. ज्यादा मात्रा में पानी पीने से उनको नुकसान हो सकता है, इसीलिए पानी उचित मात्रा में ही पिए और सर्दियों के मौसम में दवाइयों में लापरवाही ना बरतें.