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स्वास्थ्य मंत्री ने फरीदाबाद के इस अस्पताल का लाइसेंस तीन माह के लिए किया निलंबित

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेश पर फरीदाबाद के ब्लड सेंटर- मैसर्स मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट विद मल्टीस्पेशलिटी ब्लड सेंटर (मेट्रो स्पेशियलिटी हॉस्पिटल्स प्राइवेट लिमिटेड की एक इकाई) का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.

anil vij
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Published : Mar 16, 2022, 10:58 PM IST

फरीदाबाद: हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेश पर फरीदाबाद के मेट्रो हार्ट इंस्टीट्यूट विद मल्टी स्पेशलिटी ब्लड सेंटर अस्थाई रूप से तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने विभिन्न अनिमितताओं व उल्लंघनाओं को देखते हुए यह सख्त (Raids at Blood Center in Faridabad) कार्रवाई की गई है. स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि निलंबन अवधि के दौरान संपूर्ण मानव रक्त और उसके घटकों के संग्रह, भंडारण और प्रसंस्करण के लिए एफेरेसिस प्रक्रियाओं सहित बिक्री या वितरण के लिए यह रक्त केंद्र संचालित नहीं किया जाएगा.

इसके अलावा, यह सेंटर वरिष्ठ औषधि नियंत्रण अधिकारी, फरीदाबाद की देखरेख में रक्त के वितरण की निगरानी और भंडारण की सुविधा वाले अन्य लाइसेंस प्राप्त रक्त केंद्र में निर्धारित भंडारण की स्थिति के तहत पूरे मानव रक्त और रक्त घटकों को स्थानांतरित कर सकता है. अनिल विज ने बताया कि फरीदाबाद के ओल्ड विंग सेक्टर 16 बेसमेंट फ्लोर में स्थित मल्टीस्पेशलिटी ब्लड सेंटर के बारे में उन्हें तरुण चोपड़ा नाम के व्यक्ति ने शिकायत की थी. इस शिकायत पर कार्रवाई करने के लिए राज्य औषधि नियंत्रक मनमोहन तनेजा ने निर्देश दिए था.

इसके पश्चात स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर मनमोहन तनेजा ने डिप्टी ड्रगस कंट्रोलर (इंडिया), सेंट्रल ड्रग्स स्टैण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (नार्थ जोन) गाजियाबाद को अपना एक अधिकारी जॉइंट निरीक्षण हेतु तैनात करने का आग्रह किया. इसके पश्चात डिप्टी ड्रग्स कंट्रोलर (इंडिया), सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (नार्थ जोन) गाजियाबाद की टीम ने 21 दिसंबर, 2021 को जॉइंट निरीक्षण ब्लड सेंटर का किया. जिसमें तत्कालीन सीनियर ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर फरीदाबाद राकेश दहिया और ड्रग इंस्पेक्टर, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (नॉर्थ जोन) गाजियाबाद के सुरेश कलवानिया थे. संयुक्त निरीक्षण के दौरान इस टीम ने ब्लड सेंटर में विभिन्न कमियां और अनिमितताओं को पाया है.

निरीक्षण के दौरान डोनर काउच एफैक्रेसिस प्रक्रिया के लिए नहीं मिला और डॉ. निशा सहरावत को एमओ के रूप में फॉर्म 26-जी के तहत पृष्ठांकित पाया गया, हालांकि, उपलब्ध रिकॉर्ड से, ब्लड सेंटर की गतिविधियों के साथ उनका जुड़ाव स्पष्ट नहीं हुआ. किट्स की सूची में किट के उपयोग और उपलब्ध स्टॉक को सत्यापित करने के तरीके में नहीं पाया गया और किट स्टोरेज के लिए उपलब्ध कराया गया रेफ्रिजरेटर पैथोलॉजी लैब में प्रयोग करने योग्य सामग्री से भरा हुआ पाया गया. इसके अलावा भी कई कमियां पाई गई.

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अनिल विज ने बताया कि राज्य में लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा. अगर इस तरह का कोई खिलवाड़ करता है तो याद रखे भविष्य में उस व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. इस प्रकार का गोरखधंधा करने वाले ब्लड सेंटरों को कभी भी बख्शा नहीं जाएगा. विज ने बताया कि उन्होंने राज्य औषधि नियंत्रक के द्वारा निर्देश दिए हैं कि राज्य के सभी ब्लड बैंक सेंटरों की गहनता से जांच की जाए और उनका निरीक्षण केंद्रीय एजेंसियों के नोडल अधिकारियों के साथ मिलकर किया जाए. अगर किसी भी ब्लड बैंक सेंटर में अनियमितता या उल्लंघना पाई जाएगी तो ऐसे ब्लड सेंटरों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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