फरीदाबाद: 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले में इस बार हरियाणवी रसोई देशी-विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद में शुमार होती जा रही है. देशी हो या विदेशी हर किसी को यहां का देशी घी का चूरमा इस कदर भा रहा है कि वे इसका स्वाद लेने के बाद इसे अपने साथ ले जाना भी नहीं भूलते.
हरियाणवी रसोई के स्टॉल नंबर-34 को चलाने वाले कुरुक्षेत्र के हरिओम का कहना है कि हरियाणा का पारंपरिक भोजन अब लोगों की थाली से गायब होता जा रहा है. इसी को देखते हुए कई साल पहले उनके मन में आइडिया आया कि क्यों न अपने हरियाणा के पारंपरिक भोजन के स्वाद से देश दुनिया को रूबरू करवाया जाए.
सूरजकुंड मेले में देशी घी का चूरमा
इसी को देखते हुए उन्होंने सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में अपना स्टाल लगाया. यहां उनके स्टाल पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल से लेकर तमाम राजनैतिक और फिल्म जगत की हस्तियों ने दौरा किया और स्वाद चखा. यहां उन्होंने ये ध्यान रखा कि हरियाणा के गांवों में जिस तरह से भोजन तैयार किया जाता है, उसमें कोई बदलाव न किया जाए. उन्होंने सबसे पहले देशी घी का चूरमा तैयार किया.
मिट्टी के बर्तन में बाजरे की खिचड़ी
होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके हरिओम ने चूरमें को कई स्वाद में पेश किया है. जिसकी वजह से लोगों ने और ज्यादा पसंद करना शुरू कर दिया. इसके अलावा बाजरे की खिचड़ी को भी उन्होंने मिट्टी के बर्तनों में पारंपरिक रूप में तैयार किया तो ये भी लोगों की पसंद बनता गया.