फरीदाबाद:एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का बजट पेश करेंगी. बजट को लेकर समाज के हर वर्ग को आशा और उम्मीद लगी हुई है. खासकर व्यापारी वर्ग के लोग भी राहत और छूट की उम्मीदें लगाए बैठे हैं. कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुए छोटे व्यापारियों को इस बार बजट से काफी उम्मीदें हैं. फरीदाबाद के व्यापारियों का मानना है कि पिछले लंबे समय से बजट से उनको हमेशा निराशा ही हाथ लगी है. इस बार वह उम्मीद कर रहे हैं कि व्यापारियों को बजट में निराशा ना मिले.
व्यापारियों ने कहा कि जब भी बजट आता है तो व्यापारियों के हितों की बात कही जाती है, लेकिन बजट में कहीं भी व्यापारियों के लिए इसका कॉलम नहीं होता. उन्होंने कहा कि आज व्यापारियों को केवल जीएसटी की मशीन बना दिया गया है. टैक्स के नाम पर व्यापारियों से पैसा तो लिया जाता है, लेकिन पैसा देने के बाद भी उनको वह सारी सुविधाएं नहीं मिलती जो उनको मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि बजट में कपड़े पर लगने वाली जीएसटी को केवल 5% ही रखा जाए क्योंकि अगर जीएसटी को बढ़ाया जाता है तो ना केवल इससे उनके व्यापार पर फर्क पड़ेगा बल्कि उनका जो ग्राहक है उसकी आर्थिक हालात पर भी बोझ पड़ेगा.
व्यापारियों ने यह भी मांग की है कि इनकम टैक्स में उनको छूट दी जाए. इनकम टैक्स की सीमा 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख या फिर 10 लाख की जाए. जिस तरह से सरकार दूसरे बिजनेसमैन और किसानों के लोन माफ कर देती है. उसी तरीके से व्यापारियों के लिए भी लोन माफी की सुविधा होनी चाहिए. साथ ही व्यापारियों के लिए भी बजट में पेंशन का प्रावधान होना चाहिए. लगातार कोरोना और लॉकडाउन की मार व्यापारी वर्ग झेल रहा है. ऐसे में व्यापारी वर्ग को मदद की बेहद आवश्यकता है.