फरीदाबाद:हरियाणा में कोरोना (coronavirus in haryana) की दूसरी लहर का प्रकोप अब कम होने लगा है. लेकिन अब चिंता का विषय है कोरोना का बदलता स्वरूप डेल्टा प्लस वेरिएंट. हरियाणा में भी डेल्टा+ वेरिएंट (haryana delta plus variant) की पुष्टि हो गई है. प्रदेश में पहला केस फरीदाबाद जिले में मिला है. इस बात की जानकारी एनसीडीसी के डायरेक्टर सुजीत सिंह ने दी है. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने उन सभी राज्यों को पत्र लिखा है जहां डेल्ट प्लस वेरिएंट की पुष्टि हुई है. इसमें हरियाणा, तमिलनाडु, राजस्थान, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, जम्मू कश्मीर और गुजरात राज्य हैं.
डेल्टा प्लस वेरिएंट का कैसे चलता है पता?
फरीदाबाद ईएसआईसी अस्पताल के डिप्टी डीन डॉ. एके पांडेय ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव आने वाले 5 प्रतिशत मरीजों की रैंडम सैंपलिंग करके जीनोम टेस्टिंग (genome testing) करवाई जाती है. इसके अलावा जो लोग कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद संक्रमित हो रहे हैं, उन लोगों की भी जीनोम टेस्टिंग होती है. इसके बाद डेल्टा प्लस वेरिएंट के होने या ना होने का पता चलता है.
डॉक्टर पांडेय ने बताया कि ये काफी खतरनाक है और इससे बचने के लिए एहतियात रखना जरूरी है. देश में अब तक लगभग 51 केसों की पुष्टि हो चुकी है. फरीदाबाद में हरियाणा का ये पहला केस पाया गया है और स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इस केस के संपर्क में आए सभी लोगों को ट्रेस करने का काम किया जा रहा है.
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर तो शांत हो गई है, लेकिन डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर देश में चिंता बढ़ गई है. विशेषज्ञों के अनुसार संभावित तीसरी लहर में कोरोना वायरस के इस वेरिएंट की बड़ी भूमिका होगी. यही कारण है कि इसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों को चिट्ठी लिखकर अहम निर्देश दिए हैं. इस समय महाराष्ट्र से ज्यादा मामले मिले हैं और उसे लेकर लेवल थ्री की तैयारी करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं.