फरीदाबाद:अरावली क्षेत्र में बसे खोरी गांव (Khori Village) के करीब 10 हजार मकानों को तोड़ने का सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया है. अब खोरी गांव अतिक्रमण हटाने के मामले में किसान नेताओं की भी एंट्री हो गई है. किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी हरियाणा सरकार से खोरी गांव के सभी लोगों का पुर्नवास करने की मांग कर रहे हैं.
दरअसल, खोरी गांव में होने वाली तोड़फोड़ से पहले बुधवार को वहां महापंचायत आयोजित होनी थी. जिसमें चढूनी को भी पहुंचना था, लेकिन चढूनी के पहुंचने से पहले माहौल तनावपूर्ण हो गया. जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज तो ग्रामीणों ने जमकर पत्थराव किया. इसके कुछ वक्त बाद चढूनी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ग्रामीणों से मिलने के लिए अंदर नहीं जाने दिया. जिसके बाद चढूनी गांव के बाहर धरने पर बैठ गए.
ये भी पढ़िए:खोरी गांव में महापंचायत: पुलिस लाठीचार्ज के बाद लोगों ने किया पथराव, चढूनी बोले- आवाज उठाने का सबको है हक
इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि जिस तरह से लोगों पर लाठीचार्ज किया गया है वो निंदनीय है. लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई से यहां पर जमीन खरीदी है, लेकिन सरकारी जमीन को बेचने वालों के खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. खोरी गांव के मकानों को तोड़ने से पहले यहां बने फाइव स्टार होटलों को तोड़ा जाए. चढूनी ने आगे कहा कि यहां रहने वाले लोगों के घरों की बिजली काट दी गई है. पानी का कनेक्शन काट दिया गया है. क्या सरकार कसाई है?
ये भी पढ़िए:खोरी गांव तोड़फोड़: आमने-सामने दिल्ली और हरियाणा सरकार! AAP सांसद को हिरासत में लेकर छोड़ा गया
हरियाणा के मुख्यमंत्री पर बयान देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद पाकिस्तान से आकर यहां पर बसे हैं. जब बाहर से आया शख्स हरियाणा का मुख्यमंत्री बन सकता है तो फिर बिहार से आगे लोगों को फरीदाबाद में क्यों नहीं बसाया जा सकता है.