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7 साल पहले स्कूल की बिल्डिंग बनाकर भूला शिक्षा विभाग, RTI में जवाब दिया- हमें नहीं मालूम पता बताओ - allegation on bjp councillor Faridabad

हरियाणा में एक ऐसा भी स्कूल है जिसे शिक्षा विभाग बनाकर भूल गया है. ये स्कूल फरीदाबाद जिले में बना था. जिसमें न आज तक दाखिला हुआ और न ही कोई अध्यापक नियुक्त हो पाया. चुनाव में ये स्कूल बस पोलिंग बूथ बनाने के काम आता है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि भवन को भाजपा पार्षद के रिश्तेदारों ने किराये पर उठा दिया.

Government Primary School Surya Nagar Faridabad
राजकीय प्राथमिक स्कूल सूर्या नगर फरीदाबाद

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Published : Oct 1, 2022, 5:56 PM IST

फरीदाबादःराजकीय प्राथमिक स्कूल सूर्या नगर फरीदाबाद (Government Primary School Surya Nagar) 2016 में बनाया गया था. जिसमें न छात्र हैं और न ही अध्यापक. स्कूल की बिल्डिंग तो बन गई लेकिन उसमें आज तक छात्रों को दाखिला नहीं हो पाया. स्कूल में जो सुविधाएं होनी थी उन पर ध्यान देकर इस स्कूल को बनाया गया. लेकिन स्कूल बनाने के बाद शिक्षा विभाग इसे भूल गया. चुनाव के समय में इस स्कूल का इस्तेमाल पोलिंग बूथ के तौर पर जरूर किया जाता है.

फरीदाबाद के सूर्या नगर (Surya Nagar Faridabad) में 7 साल पहले बनीं ये बिल्डिंग अब खंडहर बनती जा रही है. स्कूल में शाम को नशेड़ियों का झुंड इकट्ठा हो जाता है. स्कूल को लेकर स्थानीय निवासी सतपाल सिंह ने आरटीआई लगाई तो उसमें चौंकाने वाले खुलासे हुये. उन्होंने बताया कि स्कूल 2016 में 20 से 22 लाख रुपये की लागत से बनाया गया. एक टीचर को स्कूल बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. आरटीआई से पता चला कि टीचर ने स्कूल बनाकर विभाग को लिख दिया था कि स्कूल की बिल्डिंग तैयार है. इसे चलाने को लेकर अनुमति दें. यहां से लेटर तो गया लेकिन स्कूल चलाने को लेकर परमिशन नहीं मिला.

शिक्षा विभाग बनाकर भूल गया स्कूल

जब 7 साल बाद आरटीआई लगाई गई तो शिक्षा विभाग ने कहा कि हमने स्कूल बनाया ही नहीं. इस स्कूल का पता दीजिए. आरटीआई कार्यकर्ता ने बताया कि डीसी और शिक्षा मंत्री को शिकायत दी गई तो उसके बाद बिल्डिंग को पेंट कर दिया गया. लेकिन क्लास आज भी शुरू नहीं हुई. पिछले कुछ दिनों तक इस जगह पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा था. बाद में उनको वहां से हलांकि हटा दिया गया. स्कूल के बाहर बोर्ड भी लग गया. उसके बाद भी स्कूल नहीं चला.

शिक्षा विभाग ने बताया कि स्कूल के बगल में एक छोटा सा तालाब है. इसलिये स्कूल को शुरू नहीं किया गया है. अगर कोई बच्चा उसमें गिर जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. दूसरे आरटीआई एक्टिविस्ट आकाश गुप्ता ने कहा कि यह स्कूल तो सिर्फ कागजों में ही था. लोग तनख्वाह भी ले रहे थे. जब हमने आरटीआई में इसका जवाब मांगा कि कौन तनख्वाह ले रहा है तो इसका पूरा जवाब हमें नहीं मिला. 2016 से कौन पैसा खा रहा है इसका भी जवाब विभाग ने नहीं दिया.

शिक्षा विभाग बनाकर भूल गया स्कूल

आकाश गुप्ता ने कहा कि एक बार स्कूल कंपाउंड में एक व्यक्ति ने फांसी भी लगा ली थी. आरटीआई लगाई तब प्रशासन पर दबाव आया. तब जाकर अपराधिक किस्म के लोग यहां से भागे. परंतु स्कूल अभी तक चालू नहीं हुआ. स्कूल के पड़ोस में रहने वाले सोनू ने बताया कि जब स्कूल का निर्माण हो रहा था, तब हम लोगों ने सोचा चलो अच्छी बात है. बच्चों के पढ़ने के लिए अच्छा हो जाएगा. परंतु कुछ दबंग बीजेपी नेता ने अवैध रूप से स्कूल के कमरों को किराये पर चढ़ा दिया था. जिसका किराया उनके पास जाता था. उन्होंने कहा कि किराया लेने वाले अपने आप को भाजपा पार्षद के रिश्तेदार बताते थे.

जर्जर हो चुके इस भवन को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे जनता के टैक्स के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है. फरीदाबाद की डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर भ्रष्टाचार में लिप्त पाई जाती हैं. कोर्ट उसे गिरफ्तार करने का आदेश देता है. तो वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण यह स्कूल भी है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि इतनी बड़ी लापरवाही शिक्षा विभाग से कैसे हो सकती है.

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