फरीदाबाद: बेरोजगार बैठे युवाओं को ऑनलाइन रोजगार तलाशना भी महंगा (online job fraud) पड़ सकता है. इसका ताजा उदाहरण दिल्ली-फरीदाबाद में देखने को मिला है. फरीदाबाद साइबर थाना अपराध की टीम ने एयरपोर्ट पर नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी (faridabad airport job cheating gang) करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक महिला सहित गिरोह के 3 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में अभिषेक, हिमांशु और आरोही (बदला हुआ नाम) का नाम शामिल है. इस मामले में इनका एक अन्य साथी भी शामिल है जो इस गिरोह का मुखिया है. वह अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.
इन लोगों ने धोखाधड़ी करने के लिए बहुत ही नायाब तरीका अपनाया हुआ था. ये quikr.com वेबसाइट के जरिए लोगों को नौकरी देने का लालच दे रहे थे. दरअसल, ये वेबसाइट लोगों को नौकरी दिलाने में भी सहायता करती है. जहां पर नौकरी की तलाश में कोई भी व्यक्ति अपना बायोडाटा वेबसाइट पर अपलोड कर सकता है. जिस किसी कंपनी में भी नौकरी के लिए वर्करों की आवश्यकता होती है उस कंपनी की जानकारी प्राप्त करके आवेदनकर्ता उसकी आवश्यकता अनुसार नौकरी प्राप्त कर सकता है.
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आरोपियों ने इसी वेबसाइट का फायदा उठाकर उन व्यक्तियों की जानकारी एकत्रित की थी जिन्हें नौकरी की आवश्यकता होती थी. आरोपियों ने बताया कि वर्ष 2020 में लॉकडाउन के पश्चात इन्होंने इस प्रकार की वारदातों को अंजाम देना शुरू किया था. इसके लिए आरोपियों ने दिल्ली के गाजापुरी एरिया में अपना एक कॉल सेंटर खोल रखा था. आरोपी अभिषेक प्रतिदिन 50 लोगों को कॉल करके लोगों के साथ धोखाधड़ी की वारदात को अंजाम देता था. महिला आरोपी आरोही इस कंपनी में मैनेजमेंट का कार्य करती थी. वहीं इस गैंग का मुखिया, इनका चौथा साथी इस कंपनी का मालिक है जो इन्हें हर आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाता है.
नौकरी के लिए आवेदनकर्ताओं की जानकारी प्राप्त करने के पश्चात आरोपी आवेदनकर्ता से संपर्क करते और उन्हें बड़ी-बड़ी कंपनियों में नौकरी लगवाने के बड़े-बड़े सपने दिखाते. आवेदनकर्ता बड़ी-बड़ी कंपनी का नाम सुनकर लालच में आ जाते और आरोपियों के झांसे में फंस जाते. शुरुआत में आरोपी आवेदनकर्ता से रजिस्ट्रेशन के नाम पर 2500 रुपये चार्ज करते और बाद में आरोपी एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, नेशनल करियर सर्विस या डिजिटल करियर सर्विस के नाम से बनाई गई अपनी फर्जी ईमेल आईडी से आवेदनकर्ता को ई-मेल भेजकर रजिस्ट्रेशन फीस, ऑनलाइन इंटरव्यू, अप्वाइंटमेंट लेटर व अन्य सेवाओं के नाम पर अलग-अलग रकम अपने फर्जी बैंक खातों में डलवा लेते थे.